दिल्ली पुलिस ने बताया कौनसी अफवाह फैलाकर चांद बाग में भड़काई गई थी हिंसा
उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों को लेकर पुलिस ने बुधवार को बताया कि चांद बाग में अफवाह की वजह से हिंसा फैली थी।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों को लेकर पुलिस ने बुधवार को बताया कि चांद बाग में अफवाह की वजह से हिंसा फैली थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह अफवाह फैल गई थी कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के समर्थकों ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन स्थल पर लगाए गए पंडाल में आग लगा दी है। इस अफवाह के बाद चांद बाग इलाके में हिंसा शुरू हो गई थी।
राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले में जांच के दौरान ये बातें सामने आई हैं। पुलिस ने कहा है कि आग को लेकर चांदबाग में अफवाह जानबूझकर फैलाई गई ताकि लोगों को हिंसा के लिए भड़काया जा सके।
गवाहों ने दर्ज बयान, जिसका चार्जशीट में जिक्र है, में आया कि कुछ दंगाई अफवाह फैला रहे थे कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के समर्थकों ने सीएए विरोधी पंडाल में आग लगा दी है। हालांकि, पुलिस ने कहा कि किसी भी गवाह ने कहीं कोई आग नहीं देखी। अधिकारियों ने कहा कि हिंसा भड़काने के लिए जानबूझकर कई अफवाहें फैलाई गईं।
रतन लाल की हत्या मामले में भी चार्जशीट में स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव का नाम है। हालांकि, उनका नाम आरोपी के रूप में दर्ज नहीं है। चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसा से पहले योगेंद्र यादव ने चांद बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में भाषण दिया था। उत्तरपूर्वी दिल्ली में फरवरी में कई जगहों पर हिंसा फैल गई थी। सीएए के विरोधियों और सीएए समर्थकों के बीच हुई हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी।