शाहीन बाग: प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं वार्ताकार, कहा- हम आपकी बात सुनने आए हैं, लेकिन मीडिया कवरेज पर कही ये बात

-वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा कि मीडिया हमारे समाज का हिस्सा है, लेकिन हम बिना मीडिया के आप से बात करना चाहते हैं और बाद में उन्हें सभी बातें बता देंगे।

Update: 2020-02-19 10:05 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए वार्ताकर बुधवार को शाहीन बाग पहुंचे। मध्यस्थता के लिए तय किए गए संजय हेगड़े अपनी टीम के साथ शाहीन बाग पहुंच चुके हैं। वार्ताकारों की टीम में वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के अलावा वजाहत हबीबुल्ला और साधना रामचंद्रन भी शामिल हैं।

पैनल में शामिल वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, वजाहत हबीबुल्ला और साधना रामचंद्रन ने एक सर्वमान्य हल के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे बातचीत तो करेंगे, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून वापस लिए जाने से पहले धरना समाप्त नहीं करेंगे। हालांकि खबर है कि दोनों पक्षों में एक तरफ का रास्ता खोलने पर सहमति बन सकती है। इसके लिए शुरू से ही प्रदर्शनकारियों और वार्ताकारों के बीच तालमेल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

वार्ताकार बिना मीडिया के करना चाहते हैं बात

-वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा कि मीडिया हमारे समाज का हिस्सा है, लेकिन हम बिना मीडिया के आप से बात करना चाहते हैं और बाद में उन्हें सभी बातें बता देंगे।

-मीडिया से बाहर जाने की अपील के बाद वहां उपस्थित लोगों के बीच से आवाज आ रही है कि जब लोग वीडियो बना रहे हैं तो मीडिया को क्यों दूर रखा जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों को साधना रामचंद्रन का आश्वासन

हमें सुप्रीम कोर्ट ने भेजा है कि हम आपका पक्ष रख सकें। हम आप सबकी सुनना चाहते हैं और हम आप सबकी बात सुनेंगे। हमारा जो देश है हिंदुस्तान वह ऐसा है जहां हर किसी की बात सुनी जाती है। हम ऐसा हल निकालेंगे कि न सिर्फ हिंदुस्तान के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए वो एक मिसाल बन जाए।

-शाहीन बाग पहुंचकर मंच से लोगों को संबोधित करते हुए संजय हेगड़े ने कहा कि हम सबको सुनने आए हैं। एक-एक कर बात रखेंगे तो सबकी बात सुन पाएंगे। एक साथ बोलने पर किसी की बात समझ नहीं आएगी। संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढकर समझाया। उनके बाद साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों को संक्षिप्त में उस आदेश के बारे में बताया।

-साधना रामचंद्रन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आंदोलन करने का आपका हक है। इस पर सुनवाई होगी, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपका आंदोलन करने का हक छिन जाए।

-उन्होंने कहा कि आंदोलन का हक बरकरार रहना चाहिए, लेकिन हम सब की तरह और भी नागरिक हैं जिनके हक हैं। जिनकी दुकान है उनका हक है दुकान तक पहुंचना। हक वहीं तक होना चाहिए जहां तक दूसरे का हक प्रभावित न हो।

 


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