SDM Success Story: बेटा है एसडीएम और पापा करते हैं सिंचाई विभाग में ट्यूबवेल ऑपरेटर की नौकरी जानिए एसडीएम बेटे की सक्सेस स्टोरी
जैसा कि सभी जानते हैं कि हाल ही में यूपी पीसीएस 2022 का रिजल्ट आउट हुआ है जिसमें टॉप 10 की लिस्ट आ चुकी है. लिस्ट में सबसे पहला नाम दिव्या सिकरवार का है लेकिन इस टॉप टेन में दसवीं नंबर पर जिसने जगह बनाई है वह एसडीएम है संदीप कुमार।
Success Story of SDM: जैसा कि सभी जानते हैं कि हाल ही में यूपी पीसीएस 2022 का रिजल्ट आउट हुआ है जिसमें टॉप 10 की लिस्ट आ चुकी है. लिस्ट में सबसे पहला नाम दिव्या सिकरवार का है लेकिन इस टॉप टेन में दसवीं नंबर पर जिसने जगह बनाई है वह एसडीएम है संदीप कुमार। जिन की कहानी बेहद रोचक है ।अपने जीवन में सफलता पाने के लिए आपको एक बार इनके स्टोरी जरूर सुननी चाहिए
SDM Sandeep Kumar: हाल ही में यूपीपीएससी 2022 का रिजल्ट जारी हुआ है. इसमें टॉप 10 की लिस्ट में जगह बनाकर एसडीएम के पद पर सेलेक्ट होने वाले संदीप कुमार की कहानी बता रहे हैं कि उन्होंने कहां से पढ़ाई की और उनका फैमिली बैकग्राउंड क्या है?
पढ़ाई के बाद हर बच्चा यह सपना देखता है कि वह अपने मां-बाप के सपने को साकार करें और एक बड़ा अधिकारी बने और बच्चों के लिए घर वाले भी सब कुछ करने को तैयार रहते हैं कि उनका बेटा बस बड़ा अधिकारी बन जाए हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा देते हैं और बच्चा भी पूरी कोशिश करता है कि वह अपने मां-बाप की उम्मीदों पर खरा उतरे। वह अपनी क्षमता से ज्यादा ही प्रयास करते हैं सिर्फ इस उम्मीद में कि उनके बच्चे का भविष्य संवर जाए.
मनकापुर क्षेत्र के हरनाटायर गांव निवासी संदीप कुमार तिवारी ने पीसीएस 2022 की परीक्षा में प्रदेश में दसवां स्थान हासिल किया है. उनके पिता शिव कुमार तिवारी सिंचाई विभाग में ट्यूबवेल ऑपरेटर पद पर काम कर रहे हैं. साल 2021 में उनका चयन एसीआर कोऑपरेटिव पद पर हुआ था. संदीप ने प्राथमिक शिक्षा स्थानीय सरस्वती ज्ञानमंदिर में हासिल की. 11वीं और 12वीं की पढ़ाई करने अयोध्या के सरस्वती विद्या मंदिर चले गए.
मेरठ के आईएमटी इंजीनियरिंग कॉलेज से साल 2013 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक की डिग्री हासिल की. इसके बाद उनके पिता ने उन्हें मोटिवेट किया कि उन्हें सिविल सर्विस की तैयारी शुरू करनी चाहिए। संदीप को पांचवें प्रयास में एसडीएम का पद पाने में सफलता मिली। संदीप के परिवार में माता-पिता के अलावा दो भाई और चार बहने हैं संदीप ने अपनी सफलता का क्रेडिट विशेष तौर पर अपने माता-पिता को दिया.
कुल 364 कैंडिडेट्स पास
कुल सफल 364 कैंडिडेट्स में यूपी के 67 जिलों में से कुल 334 युवाओं ने सफलता प्राप्त करके अपने जिले का और अपने परिवार का नाम रोशन किया है. बाकी 30 कैंडिडेट्स अन्य राज्यों से ताल्लुक रखते हैं. मुख्य परीक्षा में कुल 1071 कैंडिडेट्स शामिल हुए थे. कुल 39 एसडीएम के पदों में से 19 लड़कियां एसडीएम बनेंगी. वहीं कुल 364 कैंडिडेट्स में 110 फीमेल कैंडिडेट्स ने सफलता हासिल की है।