शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम सुनवाई आज, पिछले दिनों सुनवाई में प्रभावित नही करने वाली कही थी बात

न्यायमूर्ति एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा था, 'हम समझते हैं कि एक समस्या है और हमें यह देखना है कि इसे कैसे हल किया जा सकता है.

Update: 2020-02-10 05:18 GMT

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में करीब दो महीने से शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बता दें कि शुक्रवार को जब यह मामला अदालत के सामने आया था तो सुप्रीम कार्ट ने कहा था कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले इसपर कोई प्रभाव नहीं डालना चाहता।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा था, 'हम समझते हैं कि एक समस्या है और हमें यह देखना है कि इसे कैसे हल किया जा सकता है. हम इस मामले पर सोमवार (10 फरवरी) को चर्चा करेंगे. उस दिन हम बेहतर स्थिति में होंगे.' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग की गई है.

शाहीन बाग में चल रहे धरने के दौरान चार माह के नवजात बच्चे की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लिया था। इस दर्दनाक घटना के बाद मुंबई की वीरता पुरस्कार विजेता बच्ची द्वारा लिखे गए पत्र के आधार पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई करने का निर्णय लिया है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ प्रदर्शनों में बच्चों और नवजातों की भागीदारी रोकने के मसले पर आज सुनवाई करेगी। वीरता पुरस्कार विजेता 12 वर्षीया जेन गुनरतन सदावरते ने मुंबई से चीफ जस्टिस बोबडे को पत्र लिखकर भेजा था।

दिल्ली के शाहीन बाग में तकरीबन दो महीने से ज्यादा वक्त से प्रदर्शन जारी है. इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है. ये महिलाएं नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध कर रही हैं. संसद ने इसको 12 दिसंबर को पारित किया था. इस कानून के तहत केंद्र सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान कर सकेगी।


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