SC में फिर टली उमर खालिद की जमानत याचिका, अब सुप्रीम कोर्ट दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा
Umar Khalid's bail plea postponed again in SC
Umar Khalid, High Court
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र और एक्टिविस्ट उमर खालिद की जमानत याचिका शुक्रवार को स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि उमर खालिद सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं।
फरवरी 2020 में दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के आसपास की बड़ी साजिश में कथित संलिप्तता के कारण उन्हें यूएपीए के तहत आरोपी बनाया गया है, जिसमें वह अपने मुकदमे की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ खालिद की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पिछले साल उन्हें जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।
मामले की सुनवाई शुरु होते ही जस्टिस बोस ने खालिद के वकील सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल से कहा कि मामले की सुनवाई गैर-विविध दिन पर करनी होगी। सिब्बल ने जस्टिस बोस के सुझाव पर सहमति जताई। जिसके बाद मामला दो सप्ताह बाद पोस्ट किया गया।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार, बुधवार और गुरुवार गैर-विविध दिन होते हैं, जब मामलों की सुनवाई होती है।पिछले हफ्ते, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ खालिद की याचिका पर सुनवाई करने वाली थी, लेकिन चूंकि जस्टिस मिश्रा ने खुद को मामले से अलग कर लिया था, जिसके बाद सुनवाई स्थगित कर दी गई। आज मामले में दिया गया यह तीसरा स्थगन था।
शीर्ष अदालत ने 18 मई को खालिद की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसके बाद जमानत पर सुनवाई दो बार स्थगित हुई थी।पहली बार 12 जुलाई को सुनवाई स्थगित हुई थी, जब दिल्ली पुलिस ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय मांगा। इसके बाद 24 जुलाई को सुनवाई स्थगित हो गई, जब खालिद के वकील की ओर से स्थगन पत्र दिया गया था।
खालिद दो साल और ग्यारह महीने से अधिक समय जेल में बंद हैं...
खालिद 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली सांप्रदायिक दंगा मामले से संबंधित बड़ी साजिश के आरोपियों में से एक हैं। उन पर 59 अन्य लोगों के साथ आरोप लगाया गया है, जिनमें पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलिता और नताशा नरवाल, जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा और छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा शामिल हैं।
मामले में जिन अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है, उनमें कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां, जामिया समन्वय समिति की सदस्य सफूरा जरगर, मीरान हैदर और शिफा-उर-रहमान, आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन, सोशल एक्टिविस्ट खालिद सैफी, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान शामिल हैं।