शाहीन बाग जाने को तैयार हुए योग गुरु बाबा रामदेव, इस मुद्दे पर कर सकते है बात
शाहीन बाग में चल रहे धरना प्रदर्शन पर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि वह कल यानी शनिवार को प्रदर्शन स्थल पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि वह वहां के लोगों से बात करेंगे। यह बात उन्होंने एक निजी चैनल से बात करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि किसी से भी मुसलमानों की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती है। यह गलत सूचना फैलाई जा रही है कि नागरिकता कानून के माध्यम से उनकी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी। जबकि यह बात बिलकुल गलत है। रामदेव ने कहा कि कुछ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ताकतें हैं जो समाज में विभाजन पैदा करना चाहती हैं।
Yog Guru Ramdev, in Delhi: No one can be stripped off their citizenship. Misinformation is being spread that citizenship of Muslims will be revoked through #CitizenshipAmendmentAct. It's wrong. There are some domestic & international forces that want to create division in society pic.twitter.com/DYDozMUekj
— ANI (@ANI) January 24, 2020
स्वामी रामदेव ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आन्दोलन करना राजनीतिक दलों का काम है और हिंसा, अराजकता फैलाना और अन्दोलन करना छात्रों का काम नहीं हैं। छात्रों का कार्य प्रतिभा निखारना और चरित्र निर्माण करना है। छात्रों को देश के विकास में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए। योग गुरु ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और शहीद भगत सिंह की 'आजादी' के नारे तो ठीक हैं लेकिन जिन्ना की 'आजादी' के नारे देश के साथ धोखा एवं गद्दारी के समान है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बारबार स्पष्ट किया है कि यह नागरिकता छीनने का कानून नहीं है बल्कि पड़ोसी देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ति होकर देश में आये अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नागरिकता को लेकर देश में भय का वातावरण बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस देश के मुसलमानों का उतना ही अधिकार है जितना अन्य लोगों का।
उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक, मजहबी लोग तथा विदेशी ताकतें देश में घृणा और विद्वेष पैदा करना चाहती हैं जो खतरनाक है। इससे दुनिया में देश की बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा कि वह देशभक्त मुसलमानों का सम्मान करते हैं लेकिन कुछ मुसलमान प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की कब्र खोदने की बात कर रहे हैं। यह मुस्लिम समाज की विचारधारा नहीं है बल्कि कुछ सिरफिरे लोग ऐसा कर रहे हैं । इस्लाम के बड़े नेताओं को इसका विरोध करना चाहिए।