ऐसा भी होता है, एक विधायक ऐसे जो थप्पड़ खाने के बावजूद नही चाहते आरोपी के खिलाफ कार्यवाही!
This also happens, such a MLA who despite being slapped does not want action against the accused.
अनुमन विधायक ही क्या अगर कोई किसी की मदद के लिए जाए और सामने वाला अचानक उसको थप्पड़ मार दे तो हंगामा खड़ा हो जाता है। और जब किसी विधायक के साथ ऐसा हो जाए तो बताने की जरूरत नहीं की थप्पड़ मारने वाले की क्या दशा हो सकती है। जी लेकिन हजारों में कोई ऐसा भी होता है जो सार्वजनिक रूप से ऐसी घटना पर कोई कार्यवाही नहीं चाहता।
मगर यह हुआ हरियाणा के कैथल में जब कैथल में बाढ़ का निरीक्षण करने पहुंचे विधायक ईश्वर सिंह को महिला ने थप्पड़ मार दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। जिस पर मौजूद लोगों ने पुलिस वालों ने महिला के खिलाफ कार्रवाई की बात कही लेकिन विधायक ईश्वर सिंह ने कहा की बाढ़ की स्थिति का अवलोकन करने और राहत पहुंचाने की दृष्टि से अरे मौके पर गए थे। विधायक ने यह भी कहा कि क्योंकि वह एक जनप्रतिनिधि है और एक जनप्रतिनिधि का फर्ज भी है कि ऐसे समय में लोगों के मददगार बने इसी को लेकर वे गए थे।
मगर चूंकि लोग बाढ़ की घटना से पीड़ित थे और उनका गुस्सा होना भी वाजिब है। मगर इससे महिला की नैतिकता पर भी सवाल उठता है इतनी बात कह कर विधायक ने यह भी कह दिया कि मैं उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता, मैंने उसे माफ भी कर दिया! निश्चित रूप आज के समय में विधायक का यह फर्ज निभाना दूसरों के लिए भी प्रेरणादायक हो सकता है। विधायक ने भले ही महिला को माफ कर दिया हो लेकिन राज्य अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष डॉ. रविंदर बलियाला ने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष से भी इस मामले को लेकर संपर्क किया।
बलियाला की तरफ से कहा गया कि भविष्य में ऐसी घटना फिर ना हो इसके लिए एक विधायी नीति तैयार की जाए, वहीं डीजीपी से अलग से इस मामले में व्यापक रिपोर्ट मांगी गई है। कुल मिलाकर विधायक ईश्वर सिंह ने किस तरह की मिसाल देकर अन्य विधायकों को भी प्रेरित किया है। देखने वाली बात होगी क्या अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष द्वारा दूर और विधानसभा अध्यक्ष के संज्ञान में मामला लाया जाने के बाद क्या कुछ सामने निकल कर आता है!