हिमाचल प्रदेश में बरस रही है आसमानी आफत, शिमला से सोलन तक तबाही में 51 मौतें, कई लापता की तलाश जारी
हिमाचल में दो दिन से जारी तेज बारिश ने बड़ी तबाही मचाई है। लैंडस्लाइड, बादल फटने और बारिश से जुड़ी घटनाओं में 51 लोगों की जान चली गई है। कहीं मंदिर ढहे तो कहीं घर...धंसते पहाड़ों के मलबे ने आफत बरसाई है। यहां पढ़िए पूरी खबर...
Himachal: हिमाचल प्रदेश में तेज बारिश और भूस्खलन के चलते 51 लोगों की मौत हो गई। शिमला शहर में समरहिल के पास शिव मंदिर पर भूस्खलन से 25 से 30 लोगों के दबे होने की आशंका है। यहां से आठ शव निकाले गए हैं। वहीं मंडी जिला में अब तक 20 की मौत हो चुकी है और पांच लापता हैं। मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक आपदा को लेकर शिमला में आपात बैठक भी की।
हिमाचल प्रदेश में बारिश तूफान बनके आफत बरसा रही है। तेज बारिश और बादल फटने से अब तक लगभग 52 लोगों ने अपनी जान गवां दी है। करीब 30 लोगों की मलबे में दबे होने का अनुमान है। शिमला, सोलन, कांगड़ा में एक जगह तो वहीं मंड़ी में दो जगह बादल के फटने से तबाही मची है। मंडी जिले में 18, राजधानी शिमला 14, सोलन 11, कांगड़ा-हमीरपुर 3-3, चंबा और सिरमौर में 1-1 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में ऐसे कई इलाके हैं जहां हुए नुकसान की जानकारी अभी तक नहीं मिल सकी है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार हिमांचल में बारिश और बादल फटने के चलते 621 सड़कें बंद हैं।
बिजली-पानी ठप्प
तेज बारिश के चलते राज्य में 4697 विद्युत ट्रांसफार्मर व 902 जलापूर्ति योजनाएं भी बंद हो गई हैं। अब तक राज्य में 24 जून से 14 अगस्त तक 283 लोगों की मौत मानसून के चलते हो चुकी है और 304 घायल हुए हैं। अब तक 1442 घर ढह गए हैं। 8160 घरों को नुकसान पहुंचा है। 272 दुकानों व 2997 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। मानसून में अभी तक 7170.85 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य में भूस्खलन की 112 और अचानक बाढ़ की 58 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। शिमला में पेड़ गिरने, भूस्खलन से व्यापक नुकसान हुआ है। पूरे शहर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
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पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश ने सोमवार को राजधानी में भारी तबाही बरसाई। भूस्खलन और पेड़ ढहने से शहर में एक ही दिन में 13 लोगों की मौत हो गई जबकि 5 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। समरहिल में मलबे में कई लोगों के लापता होने की आशंका है। मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। राजधानी के समरहिल और फागली में दोनों जगह शिमला-कालका रेल लाइन पर हुए भूस्खलन के कारण निचली ओर बने शिवमंदिर और ढारे मलबे में दब गए। शहर के फागली में लाल कोठी के पास भी दिल दहलाने वाली घटना हुई। यहां भी सुबह के समय रेल लाइन के नीचे से भारी मात्रा में मलबा और पेड़ निचली ओर बने ढारों पर जा गिरे। इन ढारों में रह रहे 8 लोग मलबे में दब गए। सुबह 10:00 बजे तक तीन घायल लोगों को मलबे से निकालकर आईजीएमसी अस्पताल पहुंचाया गया। जिसमें से 5 लोगों की मौत हो गई है।
राज्य के सोलन जिले में भयंकर बारिश कहर बरसा रही है। जिले में आपदा में पांच बच्चों समेत दस लोगों की मौत हो गई है। जबकि एक महिला गंभीर घायल हो गई है। पंचायत ममलीग के गांव जड़ौण में देर रात करीब 1:30 पर बादल फटने से एक परिवार के सात लोगों और अर्की के चलोग गांव में देर रात भवन की दीवार गिरने से एक युवती समेत बच्चे की दबकर मौत हो गई है। लौहारघाट पंचायत के बानली गांव में एक मकान ढहने से पत्नी-पति मलबे में दब गए। इसमें महिला की मौत हो गई है।