G20 नहीं अब हो गया G21, PM Modi ने किया ऐलान, जानिए- क्या है कारण?
अब जी20 अपग्रेड होकर G21 बन गया और कुल 21 स्थाई सदस्य हो गए.
G20 समिट से बड़ी खबर सामने आ रही है. सदस्य देशों ने अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्य बनाने का फैसला किया है. बता दें कि अफ्रीकन यूनियन में कुल 55 सदस्य देश हैं. अब जी20 अपग्रेड होकर G21 बन गया और कुल 21 स्थाई सदस्य हो गए. पीएम मोदी ने कहा कि यह समिट सबका साथ, सबका विकास का प्रतीक है.
अफ्रीकन यूनियन प्रमुख को स्थाई सदस्य बनाया गया
प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मिलकर अफ्रिकन यूनियन के प्रमुख President Azali Assoumani का स्वागत किया. समिट के शुरू होने पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं अफ्रिकन यूनियन को परमानेंट मेंबर बनाने का प्रस्ताव सामने रखता हूं. मुझे भरोसा है कि सभी सदस्य देश इससे इत्तेफाक रखेंगे.
भारत में G20 शिखर सम्मेलन का आगाज हो चुका है. 9 और 10 सितंबर यानि दो दिनों तक बैठकों का दौर चलेगा. PM नरेंद्र मोदी के अध्यक्षता में हुई पहले सत्र की बैठक की शुरूआत पीएम मोदी के संबोधन के साथ हुई. PM मोदी ने ‘वन अर्थ’ नाम के उद्घाटन सत्र में भाग लिया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने 'वन सन, वन वर्ड, वन ग्रिड' पर जोर दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरा विश्व नया समाधान मांग रहा है. आपसी भरोसे से कोई संकट नहीं टिकेगा और जो विश्वास का संकट है उसे मिलकर दूर करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' मंत्र पथ प्रदर्शक है.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत, आस्था, अध्यात्म और परंपराओं की डायवर्सिटी की भूमि है. दुनिया के अनेक बड़े धर्मों ने यहां जन्म लिया है. दुनिया के हर धर्म ने यहां सम्मान पाया है. "Mother of Democracy” के रूप में, संवाद और लोकतान्त्रिक विचारधारा पर अनंत काल से हमारा विश्वास अटूट है. हमारा वैश्विक व्यवहार, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’, यानि world is one family के मूल भाव पर आधारित है. विश्व को एक परिवार मानने का यही भाव, हर भारतीय को वन अर्थ के दायित्व-बोध से भी जोड़ता है.' पीएम मोदी ने आगे कहा कि One Earth की भावना से ही भारत ने पर्यावरण मिशन के लिए जीवनशैली की शुरुआत की है. उन्होंने बताया कि भारत के आग्रह पर, और आप सबके सहयोग से, पूरा विश्व इस साल अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (International Year of Millets) मना रहा है, और यह भी पर्यावरण की सुरक्षा की भावना से जुड़ा हुआ है. इसी भावना के साथ, COP-26 में भारत ने "Green Grids Initiative - One Sun, One World, One Grid” लॉन्च किया था. आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां बहुत बड़े पैमाने पर सोलर रिवॉल्यूशन चल रहा है.