मणिपुर हिंसा पर US राजदूत के बयान से भड़की कांग्रेस, नहीं हुआ पहले कभी भी एेसा
Congress furious over US ambassador's statement on Manipur violence, this has never happened before
मणिपुर हिंसा को लेकर भारत में अमेरिकी राजदूत की टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. शुक्रवार को कांग्रेस ने हमला बोलते हुए कहा कि देश के आंतरिक मामलों के बारे में किसी अमेरिकी राजदूत की तरफ से ऐसी बयानबाजी पहले कभी नहीं की गई है.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट में कहा, 'जहां तक मुझे याद है, सार्वजनिक जीवन में कम से कम चार दशक पहले तक मैंने कभी किसी अमेरिकी राजदूत को भारत के आंतरिक मामलों के बारे में इस तरह का बयान देते नहीं सुना है.'
तिवारी ने कहा, 'हमने दशकों तक पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व में चुनौतियों का सामना किया और चतुराई और बुद्धि से उन पर जीत हासिल की. यहां तक कि जब 1990 के दशक में रॉबिन राफेल जम्मू-कश्मीर पर बड़बोले थे, तब भी भारत में अमेरिकी राजदूत सतर्क थे.'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'मुझे शक है कि क्या भारत में नए अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी अमेरिका-भारत संबंधों के जटिल यातनापूर्ण इतिहास, हमारे आंतरिक मामलों, नेक इरादे या दुर्भावनापूर्ण दखलअंदाजी के बारे में हमारी संवेदनशीलता को जानते हैं."
क्या बोले अमेरिकी राजदूत
इससे पहले गार्सेटी ने मणिपुर हिंसा पर कोलकाता में कहा था, 'मुझे नहीं लगता कि यह रणनीतिक चिंताओं के बारे में है, यह मानवीय चिंताओं के बारे में है. जब इस तरह की हिंसा में बच्चे या लोग मरते हैं तो आपको इसकी परवाह करने के लिए भारतीय होने की जरूरत नहीं है.'
उन्होंने आगे कहा, 'हम शांति को कई अच्छी चीजों के लिए एक मिसाल के रूप में जानते हैं. पूर्वोत्तर और पूर्व में बहुत तरक्की हुई है. अगर कहा जाए तो हम किसी भी तरह से सहायता करने के लिए तैयार हैं. हम जानते हैं कि यह एक भारतीय मामला है और हम जल्द शांति स्थापना की दुआ करते हैं. क्योंकि अगर शांति कायम होती है तो हम अधिक सहयोग, ज्यादा प्रोजेक्ट और निवेश ला सकते हैं.'
कैसे हैं मणिपुर के हालात
मणिपुर में 3 मई को हिंसा भड़क उठी थी और तब से अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
कांग्रेस ने पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया है और पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने में बुरी तरह नाकाम रहने के लिए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को तत्काल हटाने की भी मांग की है. कांग्रेस ने कहा है कि वह संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाएगी.