भारत और बांग्लादेश ने मिलकर किया तीन परियोजनाओं का उद्घाटन, शेख हसीना ने जताया आभार
भारत और बांग्लादेश के बीच अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक, खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन और मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट की यूनिट-तीन, परियोजना का शुभारम्भ हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया है। भारत और बांग्लादेश के बीच तीन विकास परियोजनाओं के उद्घाटन पर पीएम शेख हसीना ने कहा, ''...मैं हमारे दोनों देशों के बीच दोस्ती के बंधन को मजबूत करने की आपकी प्रतिबद्धता के लिए अपना आभार व्यक्त करती हूं।" वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यह खुशी की बात है कि एक बार फिर हम भारत-बांग्लादेश सहयोग की सफलता का जश्न मनाने के लिए जुड़े हैं। हमारे रिश्ते लगातार नई ऊंचाईयां छू रहे हैं। पिछले 9 वर्षों में हमने मिलकर जो काम किया है, वह इससे पहले के दशकों में भी नहीं हुआ था।"
अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक परियोजना
ये तीनों परियोजनाएं भारत की सहायता से क्रियान्वित की गई हैं। इनमें अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक, खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन और मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट की यूनिट-तीन, परियोजना शामिल हैं। अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक परियोजना को भारत सरकार की ओर से बांग्लादेश को दी गई 392.52 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता के तहत क्रियान्वित किया गया है। पीएमओ के बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश में 6.78 किमी दोहरी गेज रेल लाइन और त्रिपुरा में 5.46 किमी के साथ रेल लिंक की लंबाई 12.24 किमी है।
खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन परियोजना
खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन परियोजना को भारत सरकार की रियायती कर्ज सुविधा के तहत 38.83 करोड़ अमेरिकी डॉलर की कुल परियोजना लागत के साथ तैयार किया गया है। इस परियोजना में मोंगला बंदरगाह और खुलना में मौजूदा रेल नेटवर्क के बीच करीब 65 किमी ब्रॉड गेज रेल मार्ग का निर्माण शामिल है। इसके साथ ही बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह मोंगला ब्रॉड-गेज रेलवे नेटवर्क से जुड़ गया है। 15 किमी लंबा अगरतला-अखौरा क्रॉस बॉर्डर रेल संपर्क (भारत में 5 किमी और बांग्लादेश में 10 किमी) सीमा पार व्यापार को बढ़ावा देगा और ढाका के रास्ते अगरतला से कोलकाता आने-जाने में लगने वाला समय भी घटाएगा। फिलहाल, ट्रेन को अगरतला से कोलकाता पहुंचने में 31 घंटे लगते हैं, जो इस परियोजना के शुरू होने के बाद 21 घंटे रह जाएंगे।