भारतीय गतिविधियों से सहमा पाकिस्तान, यूएनओ की शरण में भागा बोला तत्काल करें हस्तक्षेप.

पाकिस्तान की ओर से इस पत्र को यूएन और सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्यों के बीच वितरित करने का भी अनुरोध किया गया है. आपको बता दें कि पाकिस्तान लगातार यूएन से कश्मीर में हस्ताक्षेप करने की अपील करता रहा है.

Update: 2019-02-19 06:34 GMT

इस्लामाबाद: पुलवामा हमले के बाद उपजे तनाव ने पाकिस्तान को मुश्किल में डाल दिया है. इसी मुश्किल के बीच पाक यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के पास पहुंचा है. वहां पहुंचकर पाकिस्तान ने गुहार लगाई है कि भारत के साथ पैदा हुआ ताज़ा तनाव को यूएन कम करे. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने ये गुहार उस बीच लगाई है जब उनके देश में मौजूद आतंकियों से समर्थन हासिल करके एक कश्मीरी आतंकी ने 40 भारतीय जवानों की नृशंस हत्या कर दी.

14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे के दिन जब पूरी दुनिया समेत पूरा भारत प्यार के इस जश्न में डूबा हुआ था तब जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में ये आतंकी हमला किया गया. हमले की ज़िम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है जिसका सरगना समूद अज़हर है. अज़हर ने अपने आतंक का अड्डा पाकिस्तान में बसा रखा है. इस मामले में दोनों देशों ने एक-दूसरे के दूतों को समन किया जिसके बाद से तनाव ने और तूल पकड़ लिया.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस को सोमवार को एक पत्र भेजा है. विदेश कार्यालय के मुताबिक इस पत्र में कुरैशी ने गुटेरेस से दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को कम करने में मदद की मांग की है. पत्र में लिखा है, "मैं इस ओर तत्काल आपका ध्यान खींचना चाहूंगा कि हमारे क्षेत्र में रक्षा की स्थिति बिगड़ रही है. इसकी वजह पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बल के प्रयोग की भारत की धमकी है."

कश्मीर मामले में भारत किसी तीसरे देश के हस्ताक्षेप को लंबे समय से ख़ारिज करता आया है. भारत का कहना है कि ये मामला दो देशों का है और इसे दो देशों के बीच ही सुलझाया जाना चाहिए. कुरैशी का कहना है कि यहां तक कि भारत के मुताबिक भी हमला करने वाला एक कश्मीरी है और बिना जांच के हमले को पाकिस्तान के माथे मढ़ना बेहद बचकाना है. उनका कहना है कि भारत घरेलू राजनीतिक कारणों से पाकिस्तान का नाम उछाल रहा है और तनाव का माहौल पैदा कर रहा है.

कुरैशी ने ये भी कहा है कि भारत ने सिंधु जल समझौते को त्यागने का इशारा किया है. पाकिस्तान का कहना है कि ये बहुत बड़ी चूक हो सकती है. कुरैशी ने कहा, "शांति के लिए तुरंत कदम उठाए जाने की ज़रूरत है. यूएन को तुरंत इस मामले में दखल देना चाहिए." उन्होंने कहा कि भारत को हमले की स्वतंत्र और विश्वसनीय जांच करवानी चाहिए. उन्होंने लिखा कि भारत से कहा जाना चाहिए कि वो पाकिस्तान और कश्मीरी लोगों के साथ बातचीत करे ताकि तनाव कम किया जा सके.

पाकिस्तान की ओर से इस पत्र को यूएन और सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्यों के बीच वितरित करने का भी अनुरोध किया गया है. आपको बता दें कि पाकिस्तान लगातार यूएन से कश्मीर में हस्ताक्षेप करने की अपील करता रहा है. देश के पिछले पीएम नवाज़ शरीफ ने तो मामले में हस्ताक्षेप के लिहाज़ से अमेरिका तक को बेहद अहम बताया था. हालांकि, अमेरिका लगातार इसमें हस्ताक्षेप करने से बचता रहा है और कहता आया है कि ये भारत-पाक के आपस का मसला है. 

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