महबूबा मुफ्ती बोलीं, आग के साथ मत खेलिए, 35A से की छेड़छाड़ तो नहीं मालूम J&K के लोग तिरंगा छोड़ कौन सा झंडा उठा लेंगे
महबूबा मुफ्ती ने कहा है, 'आग से मत खेलो, अनुच्छेद-35A से छेड़छाड़ मत करो वरना 1947 से अब तक जो आपने नहीं देखा, वह देखोगे।
श्रीनगर : कश्मीर को जमीन और स्थायी निवास पर विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 35A (Article 35A) को खत्म किए जाने की अटकलों को लेकर अब जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी चेतावनी दी है। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है, 'आग से मत खेलो, अनुच्छेद-35A से छेड़छाड़ मत करो वरना 1947 से अब तक जो आपने नहीं देखा, वह देखोगे। यदि ऐसा होता है तो मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर के लोग तिरंगा उठाने की बजाए कौन सा झंडा उठाएंगे।'
बता दें कि इससे पहले नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'केंद्र सरकार और गवर्नर की जिम्मेदारी प्रदेश में चुनाव करवाने भर की है। इसलिए चुनाव ही कराएं, लोगों को फैसला लेने दें। नई सरकार खुद ही आर्टिकल 35A को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम करेगी।'
PDP leader Mehbooba Mufti: Don't play with fire; don't fiddle with Article-35A, else you will see what you haven't seen since 1947, if it's attacked then I don't know which flag people of J&K will be forced to pick up instead of the tricolour. pic.twitter.com/8we431nID5
— ANI (@ANI) February 25, 2019
सुप्रीम कोर्ट में 35 A पर इसी हफ्ते सुनवाई
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 35ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट इसी हफ्ते सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने 26-28 फरवरी के बीच मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार आम चुनाव से पहले आर्टिकल 35 ए पर कड़ा स्टैंड अपना सकती है। आर्टिकल 370 को हटाना बीजेपी का हमेशा से राजनीतिक स्टैंड भी रहा है। हालांकि बीजेपी की सहयोगी जेडीयू और अकाली दल इसकी विरोधी रही हैं।
क्या है आर्टिकल 35A?
अनुच्छेद 35A जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को राज्य के स्थायी नागरिक की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है। राज्य में 14 मई 1954 को इसे लागू किया गया था। यह अनुच्छेद संविधान में मूल रूप में नहीं था। प्रदेश के स्थायी नागरिक को कुछ विशेष अधिकार होते हैं। गौरतलब है कि धारा 35 ए के तहत जम्मू-कश्मीर में वहां के मूल निवासियों के अलावा देश के किसी दूसरे हिस्से का नागरिक कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता है। इससे वह वहां का नागरिक भी नहीं बन सकता है।