केंद्र का बड़ा फ़ैसला, जम्मू कश्मीर में हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा होगी वापस, सरकारी गाड़ियां भी होंगीं वापस
मोदी सरकार ने भी बड़ा फैसला लेते हुए कश्मीरी अलगाववादियों से सारी सुविधायें वापस लेने का फैसला किया है?
इनके नाम है.1- मीरवायज उमर फारूख, 2- अब्दुल गनी भट, 3- बिलाल लोन, 4- हाशिम कुरैशी, 5- शब्बीर शाह
आपको बतादें आतंकी हमले के बाद गृहमंत्री जनाथ सिंह ने श्रीनगर का दौरा भी किया और हमले में घायल जवानों का हाल-चाल भी जाना था। इस दौरान गृहमंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान और आईएसआई से आर्थिक मदद लेने वालों की सरकारी सुरक्षा पर भी नए सिरे से विचार किया जाएगा। इसी बयान के बाद हुर्रियत नेताओं से सुरक्षा छीने जाने की खबर आई थी।
पिछले साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा पर सालाना 10.88 करोड़ रुपए खर्च किए गए। यह राज्य में कई तरह की वीवीआईपी सुरक्षा पर खर्च होने वाले बजट का करीब 10% है। मीरवाइज उमर फारुख की सुरक्षा सबसे मजबूत है। उसकी सुरक्षा में डीएसपी रैंक के अधिकारी हैं। उसके सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर पिछले एक दशक में 5 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं।