J&K : सेना को मिली बड़ी कामयाबी, ISJK कमांडर इशफाक सोफी को एनकाउंटर में किया ढेर
जाकिर मूसा के अलावा इशफाक अहमद सोफी कश्मीर में आईएसजेके का बड़ा कमांडर था. जाकिर मूसा अभी भी सुरक्षाबलों की पकड़ से दूर है.
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षा बलों ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर (आईएसजेके) के कमांडर इशफाक अहमद सोफी को ढेर कर दिया है. जाकिर मूसा के अलावा इशफाक अहमद सोफी कश्मीर में आईएसजेके का बड़ा कमांडर था. जाकिर मूसा अभी भी सुरक्षाबलों की पकड़ से दूर है. पिछले दिनों उसके पंजाब में छुपे होने की खुफिया रिपोर्ट आई थी.
इशफाक अहमद सोफी जम्मू-कश्मीर के सोपोर का रहने वाला था. उसको एनकाउंटर के दौरान जम्मू-कश्मीर के शोपियां में मार गिराया गया. आईएसजेके आतंकी इशफाक अहमद सोफी को अब्दुल्ला भाई के नाम से भी जाना जाता था. उसके पास से आर्म्स और एम्युनिशन बरामद हुए हैं. वहीं, आतंकी इशफाक अहमद सोफी के मारे जाने के बाद सोपोर के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ने इलाके के सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का फरमान जारी कर दिया है.
Jammu & Kashmir: One terrorist killed in exchange of fire with security forces in Shopian today; arms & ammunition recovered. (Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/35POXov9sC
— ANI (@ANI) May 10, 2019
सूत्रों के मुताबिक सोपोर के अमशिपोरा में शुक्रवार तड़के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान मारा गया. इशफाक अहमद सोफी कश्मीर में आतंकी संगठन आईएसजेके का बड़ा कमांडर था. वह साल 2015 में हरकत-उल-मुजाहिदीन आतंकी संगठन से जुड़ा था. इसके बाद साल 2016 में वह हरकत-उल-मुजाहिदीन को छोड़कर आईएसजेके आतंकी संगठन में शामिल हो गया था.
इससे पहले सुरक्षाबलों ने शोपियां जिले के इमाम साहब गांव में मुठभेड़ के दौरान बुरहान वानी गैंग के आखिरी कमांडर लतीफ टाइगर को ढेर कर दिया था. हिजबुल कमांडर लतीफ अपने 2 अन्य आतंकियों के साथ एक इमारत में छिपा था, तभी सुरक्षा बलों ने धावा बोले दिया. इस दौरान आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें आतंकी लतीफ टाइगर समेत दो आतंकी मारे गए. इस दौरान एक जवान भी जख्मी हो गया.
सुरक्षा बलों ने यह कार्रवाई खुफिया जानकारी मिलने के बाद की थी. इससे भी पहले 25 अप्रैल को सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबेहारा कस्बे में दो आतंकियों को ढेर किया था. सेना की 3 आरआर और एसओजी की संयुक्त टीम ने खुफिया जानकारी मिलने के बाद तलाशी अभियान शुरू किया था. इस दौरान आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच जमकर गोलीबारी हुई थी.