लखीमपुर खीरी केस : सुप्रीम कोर्ट का आदेश आशीष मिश्रा 7 दिन में सरेंडर करे, गवाह-वकीलों को सुरक्षा दे सरकार
आशीष मिश्रा 'टेनी' की ज़मानत रद्द हो गयी है।
आशीष मिश्रा 'टेनी' की ज़मानत रद्द हो गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को निरस्त कर दिया है जिसमें उन्हें लखीमपुर खीरी केस में जमानत दी गयी थी। आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने आंदोलनरत किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर कई लोगों की जानें लीं और कई को घायल किया। उस घटना में 8 लोग मारे गये थे।
आशीष मिश्रा टेनी केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा टेने के बेटे हैं। लिहाजा उनकी गिरफ्तारी से लेकर बेल मिलने और बेल खारिज होने तक के हर मामले सुर्खियों में रहते आए हैं। आशीष मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी से पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि 302 के मुजरिम से पूछताछ का क्या यही तरीका है कि उनसे समय मांगा जा रहा है और वह समय देने से बारंबार बच रहा है। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट को एसआईटी गठित करनी पड़ी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर गंभीर टिप्पणी की है जिसमें आशीष मिश्रा टेनी को जमानत दी गयी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बेल देते समय पोस्टमार्टम रिपोर्ट जैसी चीजों का संदर्भ क्यों जरूरी हो गया जिसकी जरूरत ट्रायल के समय हुआ करती है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच को दोबारा अजय मिश्रा टेनी की जमानत याचिका पर विचार करने को कहा है। हालांकि तत्काल प्रभाव से पिछले आदेश को निरस्त करते हुए आशीष मिश्रा टेनी को एक हफ्ते के भीतर सरेंडर करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है।
अभियोग पक्ष की ओर से पेश वकील ने सवाल जब इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच बदलने की मांग की तो सुप्रीम कोर्ट ने उस मांग को खारिज कर दिया। हालांकि गवाहों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सख्त निर्देश दिया है। ध्यान रहे कि लखीमपुर खीरी केस में अब तक दो गवाहों पर हमले हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अभियोग पक्ष के वकीलों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।