पवार की पावर पालिटिक्स के हाल के दिनों के छह बयानों से मचा हुआ है हड़कंप, जिनसे कांग्रेस , आप हैरान बीजेपी खुश
भारतीय राजनीत में शरद पवार का अलग स्थान हमेशा बना रहा है, इसके चलते उनके समय समय पर बयांन राजनैतिक मुद्दों की हवा भी निकालते रहे है। अभी हाल के इन छह बयानों ने राजनीति में एक नई दिशा प्रदान की है। शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीत के धुरंधर खिलाड़ी है नहीं माहिर एम्पायर भी है। जब अपनी से पर आ जाएं तो किसी को भी क्लीन बोल्ड दे देते है। '
अभी के छ बड़े बयानों पर निगाह डालिए
१. पवार साब ने कहा - 'हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी की जरूरत नहीं' (कॉंग्रेस के बीजेपी पर हमले की हवा निकाली)
२. विपक्ष हमले कर रहा था और पवार साब उद्योगपति गौतम अडानी को घर पर दावत दे रहे थे!
३. पवार साब ने बंद मीटिंग में कहा - 'सावरकर के मामले में राहुल गांधी चुप रहें' (राहुल गांधी की बोलती बंद हुई और वो मान भी गये)
४.भतीजे अजीत पवार ने कहा पीएम का डिग्री विवाद कोई मसला नहीं (पवार साब ने चुप्पी साधी…पीएम मोदी पर कॉंग्रेस और AAP के हमलों को बेकार किया)
५. तीन साल पहले अजीत पवार ने बीजेपी की सरकार ने बना दी, सुबह तड़के डिप्टी सीएम की शपथ तक ले ली! (पवार साब ने भतीजे पर आजतक कोई एक्शन नहीं लिया)
६. अभी कुछ दिन पहले पवार साब एनसीपी के पुन अध्यक्ष चुने गये..तब सत्ता से दूर रहने का कोई इशारा नहीं किया, उसके हफ्ते भर बाद बोले कि नये लोगों को पार्टी में मौके मिलने चाहिये!
शरद पवार का इस्तीफा भावनात्मक कम और रणनीतिक ज्यादा है क्या?
दरअसल शरद पवार और उनका परिवार आजकल हर वो काम कर रहा है जो विपक्ष के साथियों (खासकर कांग्रेस ) को कम और सत्तारूढ़ बीजेपी को ज्यादा पसंद आ रहा है!
(नोट - सुप्रीमकोर्ट में जल्द उद्धव शिवसेना से टूटे विधायकों पर फैसला भी आने वाला है!)