कौन कहता है कि सरकारी स्कूल अच्छे नहीं होते - प्रकाश जावडेकर

निजी स्कूल अपने खर्चे को सार्वजनिक करें और कोई गुप्त राशि छात्राओं से न लें ।

Update: 2019-05-22 10:38 GMT

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव परिणाम आने से पहले ही हर नेता अपने कार्य मे लग गये है, वही चुनाव के कारण आचार संहिता होने के चलते किसी प्रकार का कार्य नही होता था। वही मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मनमानी फीस और शिक्षकों को निर्धारित वेतन से कम मिलने की शिकायतों को रोकने के लिए केन्द्रीय मध्यमिक शिक्षा बोर्ड को निजी स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने को कहा है। श्री प्रकाश जावडेकर ने आज यानि बुधवार को यहां विज्ञान भवन में बारहवीं की परीक्षा में श्रेष्ठ प्रर्दशन करने वाले 75 छात्रों को गुण गौरव पुरस्कार प्रदान करते हुए यह यह बात कही कि जावडेकर ने समारोह में केन्द्रीय नवोदय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय और दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्रों के अलावा दिव्यांग तथा आर्थिक रुप से कमजोर एवं दलित छात्रों को यह पुरस्कार प्रदान किये। समारोह में स्कूली शिक्षा सचिव रीना रे सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव आर.सी. मीणा और नवोदय विद्यालय समिती के आयुक्त वी.के सिंह भी उपस्थित थे।

प्रकाश जावडेकर ने निजी स्कुलों की चर्चा करते हुए कहा कि सीबीएसई को चाहिए, कि वह इन स्कूलों के लिए भी गाइडलाइन्स जारी करें। स्कूल की दुकान से ही किताब और ड्रेस लेना क्यों अनिवार्य हो। स्कूल के फिस भी मनमानी न हो। उन्हे फीस को लेकर कहा कि स्कूल को फिस बढ़ाने का अधिकार हो पर महंगाई के हिसाब से उसका प्रतिशत निर्धारित हो। उन्होने यह भी कहा कि निजी स्कूल अपने खर्चे को सार्वजनिक करें और किसी प्रकार का  कोई गुप्त राशि छात्राओं से न लें ,इतना हि नही शिक्षकों का जो वेतन होते है उसके सीधे उनके बैक खाते में भेंजे।

मानव संसाधन विकास मंत्री ने बोर्ड की परीक्षाओं में सरकारी स्कूलों के अच्छे प्रदर्शन की चर्चा करते हुए कहा कि कौन कहता है कि सरकारी स्कूल अच्छे नहीं होते। नवोदय विद्यालय के नतीते 99 प्रतिशत रहे तो केन्द्रीय विद्यालय के परिणाम 98 प्रतिशत रहे। नवोदय विद्यलाय की प्रवेश परीक्षा के लिए 22 लाख छात्रओं ने भाग लिया, जबकि सीट 46 हजार है। इस तरह 60 में से एक छात्र का दाखिला होता है। 

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