गर्दन में प्रहार कर अधेड़ की हत्या
जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस आला अधिकारियों ने किया मौका मुआयना
कौशांबी कोखराज थाना क्षेत्र के बिसारा ग्राम में बीच गांव घर के बाहर चारपाई में सो रहे एक अधेड़ के गर्दन में कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया गया है जानकारी मिलते ही मौके पर ग्रामीणों का मजमा लग गया है परिजनों में चीख-पुकार मच गई है मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय थाना पुलिस के साथ-साथ पुलिस आला अधिकारियों ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया है मौके पर पहुंची पुलिस ने अधेड़ के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है जैसे ही पोस्टमार्टम से शव वापस गांव लौटा मंझनपुर मूरतगंज मार्ग के बाबा चौराहे पर शव रखकर ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया है सड़क जाम की जानकारी मिलते ही फिर दोबारा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भारी पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे हैं और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी किये जाने का आश्वासन देकर सड़क का जाम खाली करवाया है हत्यारे के नाम का प्रयास ग्रामीण लगा रहे हैं लेकिन किसी नतीजे पर अभी ग्रामीण और पुलिस नहीं पहुंच सकी हैं
घटनाक्रम के मुताबिक कोखराज थाना क्षेत्र के बिसारा गांव निवासी देवराज उर्फ़ मोटका प्रजापति उम्र लगभग 42 वर्ष पुत्र कृपालु का घर गांव के बीच में है बीती रात वह अपने घर के बाहर बरामदे में चारपाई डालकर सो रहा था आधी रात को हमलावरों ने देवराज के गर्दन में कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार कर दिया है जिससे घटनास्थल पर तड़प तड़प कर उसकी मौत हो गई है देवराज की मौत की जानकारी मिलते ही गांव के लोग घटना स्थल पर एकत्रित हो गए हैं परिजन भी रोते बिलखते घटनास्थल पर एकत्रित हो गए हैं मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दिया गया है जिस पर स्थानीय पुलिस के साथ-साथ पुलिस आला अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं अधेड़ की हत्या क्यों की गई है इस बात का खुलासा खबर लिखे जाने तक नहीं हो सका है
चिकित्सक की हत्या कांड का नहीं कर सकी पुलिस खुलासा
कोखराज कौशांबी कोखराज थाना क्षेत्र के बालक मऊ गांव में 3 वर्षों पूर्व गांव के बीच सो रहे एक चिकित्सक पर तेज वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया गया था इस हत्याकांड के खुलासे में भी तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने जल्द हत्याकांड खुलासे का आश्वासन दिया था लेकिन घटना को 3 वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी चिकित्सक हत्याकांड का खुलासा पुलिस नहीं कर सकी है जब कि चिकित्सक पर वार करने वाले हत्यारों का नाम ग्रामीणों की जुबान पर था तत्कालीन चौकी इंचार्ज ने हत्यारों से सांठगांठ कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और उसके बाद उनसे बड़ी वसूली कर के उन्हें बेकसूर बताते हुए छोड़ दिया था और हत्यारो की पार्टी बंदी तत्कालीन चौकी पुलिस करने लगी थी