'सोनभद्र से लखीमपुर तक' योगी और प्रियंका के बीच सात बार हो चुका सियासी घमासान
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों की कुचलकर हत्या की खबर आई तो देशभर में किसान आंदोलित हो गए. ऐसे में सूबे में सियासी जमीन तलाश रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी घटना को लेकर सीएम योगी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. लखीमपुर बवाल में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत की बात सामने आते ही प्रियंका गांधी सुबह का इंतजार किए बगैर रात में ही लखीमपुर के लिए रवाना हो गई थीं. सुबह जब तक लोगों की नींद खुलती प्रियंका गांधी के रौद्र रूप वाला वीडियो सामने आ चुका था
लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर प्रियंका आक्रमक
लखीमपुर पहुंचने से पहले ही प्रियंका गांधी को सीतापुर के हरगांव बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया गया. इससे पहले प्रियंका गांधी को लखनऊ में घर के बाहर यूपी पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो वो अपनी गाड़ी से उतरकर पैदल ही चल दीं. प्रियंका गांधी रूट बदलकर पुलिस की नजरों से बचते हुए लखीमपुर खीरी के लिए निकल गई थीं और पुलिस उन्हें बसों में तलाश रही थी.
प्रियंका गांधी और यूपी पुलिस के बीच कई जगहों पर नोकझोंक हुई, जहां एक जगह वह पुलिस को हिरासत में लेने का वॉरंट लाने की बात तक कहती हैं. उन्हें घटना स्थल पर पहुंचने से पहले हिरासत में ले लिया जाता है, लेकिन वो अपने तेवर से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संदेश देने में सफल रहती हैं. हालांकि, योगी राज में यह पहली बार नहीं है जब यूपी सरकार और प्रियंका गांधी आमने-सामने आई हैं, ऐसे कई मामले हैं.
लखीमपुर खीरी','
किसान आंदोलन',
'सोनभद्र नरसंहार',
'हाथरस गैंग रेप','
सीएए एनआरसी आंदोलन'
गांधी के इन कदमों को उनकी दादी इंदिरा गांधी से जोड़कर देखा जा रहा है और 'बेलछी नरसंहार' की घटना से जोड़कर तुलना की जा रही थी. आपातकाल के बाद जनता का विश्वास खो चुकी इंदिरा गांधी जब 1977 का चुनावी हारीं तो बेलछी की घटना के बाद उनका वहां जाना एक बार फिर से उनके राजनीतिक कद को बढ़ाने वाला साबित हुआ था. ऐसे में सोनभद्र कांड के बाद अब लखीमपुर कांड के लिए भी जिस तरह से प्रियंका गांधी ने तेवर दिखाए हैं, उससे कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं काफी जोश में नजर आ रहे.
हाथरस पीड़िता से मिलने प्रियंका गांधी पैदल चल पड़ी थीं
हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार वालों से मिलने के लिए प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को यूपी पुलिस के साथ दो-दो हाथ करना पड़ा था. हाथरस की निर्भया के इंसाफ के लिए देश भर में लोगों ने आवाज उठाई थी. ऐसे में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस के लिए निकले थे, लेकिन ग्रेटर नोएडा में उनके काफिले को पुलिस ने रोक लिया था.