UP Assembly By-Election: 7 जिलों में लागू हुई आदर्श आचार संहिता, जानिए- कौन से हैं वो जिले

उत्तर प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान केंद्रीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को कर दिया.

Update: 2020-09-29 14:24 GMT

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान केंद्रीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को कर दिया. चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही 7 जिलों में आचार संहिता लागू हो गई है. यह आचार संहिता चुनाव संपन्न होने तक रहेगी. सात सीटों पर 3 नवंबर को मतदान होगा, जबकि नतीजे 10 नवंबर को घोषित होंगे. आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक 9 अक्टूबर से इन सात जिलों में नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी. वहीं 16 अक्टूबर तक पर्चा दाखिल कर सकते है. 17 अक्टूबर को नामांकन पर्चे की जांच के बाद 19 अक्टूबर तक पर्चे वापिस लिए जा सकते है. उपचुनाव की अधिसूचना 9 अक्टूबर को जारी होगी और मतदान 3 नवंबर को होगा. वोटों की गिनती 10 नवंबर को कराई जाएगी. उसी दिन परिणाम घोषित कर दिया जाएगा.

चुनाव आचार संहिता क्या होती है?

चुनाव ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है और चुनाव संपन्न होने तक लागू रहती है. आचार संहिता लागू होने पर राज्य सरकार की शक्तियां कम हो जाती हैं. सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं. चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक इसमें लगे कर्मचारियों को चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करना होता है.

यूपी की 7 सीटों पर होगा उपचुनाव

चुनाव आयोग ने जिन 7 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान किया है, उसमें अमरोहा की नौगांव सादात, बुलंदशहर, टूंडला, देवरिया, मल्हनी, घाटमपुर और उन्नाव की बांगरमऊ सीट शामिल है. बता दें इन सात सीटों में से 6 पर 2017 में कब्ज़ा रहा था, जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी.

बसपा के मैदान में होने से मुकाबला रोमांचक

बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने का ऐलान कर इसे और रोचक बना दिया है. आमतौर पर अभी तक बसपा उपचुनाव से परहेज ही करती रही है, लेकिन इस बार वही भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं. इसके पीछे मंशा यही है कि उपचुनाव में पार्टी के लिए खोने को कुछ नहीं है और यदि एक भी सीट उसके खाते में आ गई तो 2022 के लिए एक मजबूत संदेश जाएगा.

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