सहारनपुर में 2 लेखपाल, डॉक्टर, दरोगा, बाबू और होमगार्ड को पकड़ा एंटी करप्शन की टीम ने

यूपी सरकार की छवि को सरकारी कर्मचारी खराब करने लगातार लगे हुए है।

Update: 2023-08-12 04:45 GMT

यूपी सरकार की छवि को सरकारी कर्मचारी खराब करने लगातार लगे हुए है। जिसकी वजह से पिछले दो साल में 6 सरकारी कर्मचारियों को एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। जिसमें दो लेखपाल, एक सरकारी डॉक्टर, एक दरोगा, एक प्रधान लिपिक (बाबू) और होमगार्ड शामिल है। स्थानीय अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी न्याय नहीं मिलता। जिसकी वजह से पीड़ित एंटी करप्शन की टीम का सहारा लेना पड़ रहा है।

दो साल से सरकारी कर्मचारी अपनी छोटी-मोटी डिमांड को पूरा करने लिए सरकार की छवि पर धब्बा लगाने में लगे हैं। किसान, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी,आश्रितों के अलावा चतुर्थ कर्मचारियों के काम के नाम पर छोटी-मोटी रिश्वत मांगी जा रही है। अपने ही काम के लिए जरूरतमंद लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं।

50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए दरोगा

11 अगस्त 2023 को एससी-एसटी एक्ट के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए नकुड़ सीओ के कार्यालय में तैनात दरोगा (रीडर) हरपाल को रंगे हाथ भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की सहारनपुर व मेरठ टीम ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने 80 हजार रुपए मांगे थे।

5 हजार की रिश्वत लेते लेखपाल गिरफ्तार

21 फरवरी सदर तहसील में लेखपाल ने किसान से 5 हजार की रिश्वत मांगी थी।

21 फरवरी को सदर तहसील से एंटी करप्शन की टीम ने एक लेखपाल नेत्रपाल को गिरफ्तार किया है। गांव दतौली मुगल के किसान मोहब्बत अली से चकरोड का सर्वे करने और दूसरे व्यक्ति द्वारा कब्जा छुड़वाने की एवज में 5 हजार रुपए मांगे गए थे। किसान का कहना है, उसने कई बार इसकी शिकायत समाधान दिवस में भी की। लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।

वहीं 26 नवंबर 2021 को एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल रियासत अली को गिरफ्तार किया था। आरोपी लेखपाल ने किसान से दाखिल खारिज के नाम पर पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। मामला बेहट तहसील का था। गांव रंड़ौल के भोपाल चौहान ने 23 नवंबर को एंटी करप्शन की मेरठ यूनिट से शिकायत की थी।

डॉक्टर ने मांगी थी 9 हजार की रिश्वत

मेरठ एंटी करप्शन की टीम ने 6 जनवरी को चिकित्सा अधीक्षक डॉ.नितिन कंडवाल को 9 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। सलेमपुर गदा स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र तैनात सीएचओ संगीता देवी ने बताया था, उन्हें कार्य के आधार पर 6 महीने का पीडीआई मिला था। चिकित्सा अधीक्षक डॉ.नितिन कंडवाल पर कमीशन के नौ हजार रुपए मांगने का आरोप लगाया था।

सीएचओ ने एंटी करप्शन की टीम से मेरठ में इसकी शिकायत की थी। टीम ने उन्हें उनके ऑफिस में रिश्वत लेकर रंगे हाथ पकड़ लिया।

पेंशन फाइल पास करने की कीमत 3 हजार

12 जनवरी को एंटी करप्शन की टीम ने सहारनपुर कोषागार के प्रधान लिपिक गुरु प्रताप और होमगार्ड रहीस को तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। मुजफ्फरनगर के खतौली के रहने वाली शबनम के पिता सिराजुद्दीन की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई थी।

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