यूपी में पराली जलाने पर होगी कार्रवाई, अलर्ट मोड में है योगी सरकार, पढ़िए पूरी खबर
यूपी में पराली को लेकर सरकार अलर्ट मोड पर है, योगी सरकार पराली न जलाने को लेकर किसानों को जागरुक कर रही है।
UP Stubble Burning News: राजधानी दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यूपी सरकार भी अलर्ट मोड़ पर है। यूपी की योगी सरकार यूपी में पराली न जलाने के लिए किसानों से अपील की है। पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार की ओर से शुरू से तैयारी भी की गई है। किसी भी हाल में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। वहीं पराली जलाने की घटनाओं पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कार्रवाई करने की भी बात कही है।
कृषि मंत्री ने पराली जलाने को लेकरा कहा कि पराली के लिए एक नए सिस्टम से रोलिंग करके उसको नष्ट किया जाएगा। इसके साथ ही प्रणाली जलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। कृषि मंत्री ने मंगलवार को कुशीनगर में ये बात कही। उन्होंने इस दौरान स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में नवनिर्मित आईसीयू यूनिट 32 शैय्या और 26 शैय्या इमरजेंसी वार्ड का लोकार्पण किया। लोकार्पण करने के बाद जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया और डॉक्टर को पर नाराजगी जाहिर की।
पराली को लेकर अलर्ट मोड में योगी सरकार
यूपी सरकार जागरूकता अभियान के साथ किसानों में निशुल्क बायो-डीकम्पोजर का वितरण किया है तो वहीं फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्र वितरित किए जा रहे हैं। मुख्य सचिव के समक्ष पराली प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग के प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि एकल कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है। अब तक 44,363 एकल कृषि यंत्र वितरित किए जा चुके हैं।
17 लाख बायोडीकम्पोजर वितरित करने का लक्ष्य
साल 2023-24 में 4439 एकल कृषि यंत्र की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। तो वहीं एफपीओ सहकारी समिति एवं ग्राम पंचायत मद में अब तक कुल 7621 फार्म वितरित किए जा चुके हैं। 2023-24 में 296 को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। पिछले साल 1322250 बायोडीकम्पोजर वितरित किए गए हैं, जबकि 2023-24 में 17 लाख बायोडीकम्पोजर वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है।
2023-24 में अब तक 166600 बायोडीकम्पोजर पूर्ति प्रक्रिया में है। इसके अलावा जनपद स्तर पर गन्ना, बेसिक शिक्षा, राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, स्थानीय निकाय, पुलिस एवं परिवहन, कृषि जैसे विभाग के अधिकारियों में समन्वय करके प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी। जिले में या निकटवर्ती जनपद में स्थापित फसल अवशेष आधारित इकाइयों का प्रचार-प्रसार करके उनमें पराली की आपूर्ति कराना सुनिश्चित किया जा रहा है। ग्राम, न्याय पंचायत, विकास खंड, तहसील, जनपद स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है।
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