ज्ञानवापी सर्वे मामले में पद से हटाए जाने पर अजय मिश्रा ने लगाए आरोप, बोले - मेरे साथ धोखा हुआ

अजय मिश्र ने कहा कि मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया है जिससे कोर्ट की गोपनीयता भंग हो।

Update: 2022-05-18 07:10 GMT

ज्ञानवापी परिसर स्थित गौरी और अन्य विग्रहों के सर्वे प्रकरण में बीते मंगलवार को अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को उनके पद से हटा दिया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अजय मिश्र ने कहा कि मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया है जिससे कोर्ट की गोपनीयता भंग हो। उन्‍होंने कहा कि इस बात का हमेशा कष्ट रहेगा कि विशालजी ने अपनी महत्वाकांक्षा पूर्ण करने के लिए मुझे नीचा दिखाया है।

दरअसल कोर्ट ने यह आदेश स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने आरोप लगाया था की कोर्ट कमिश्नर के रूप में अजय कुमार मिश्रा का रवैया सहयोगात्मक नहीं है, वह अपने दायित्व का निर्वहन ईमानदारी और निष्पक्षता से नहीं कर रहे है। अजय मिश्र पर यह भी आरोप लगा कि उन्‍होंने एक वीडियोग्राफर रखा था जो मीडिया में बयान दे रहा था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बारे में स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशन सिंह का कहना है कि उन्होंने कोर्ट में स्थिति स्पष्ट करने के लिए आवेदन दिया था। सब बार - बार पूछ रहे थे कि रिपोर्ट कौन देगा। कुछ ऐसी चीजें हो गईं जो नहीं होनी चाहिए थीं। कार्रवाई गोपनीय होनी चाहिए थी। यदि कोई सूचनाएं लीक कर रहा है तो यह गलत है। कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए अपना आदेश दिया है। उन्‍होंने कहा मैंने जानबूझकर कुछ नहीं किया है। बस कार्रवाई ठीक ढंग से हो इसलिए ऐसा किया है।

वहीं, वीडियोग्राफर द्वारा सर्वे का ब्‍योरा लीक किए जाने के बारे में पूछे जाने पर अजय मिश्र ने कहा कि मैं इस बारे में क्‍या कर सकता हूं। यदि मैंने किसी पर विश्वास किया और उसने कहीं कुछ कह दिया तो इसके लिए मुझे कैसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं।

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