लखनऊ। मोदी सरकार में हाल ही में मंत्री बनाई गईं मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों को मवाली कह डाला है। इसी को लेकर राजनीतिक सियासत होने लगी है, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि भाजपा के एक मंत्री द्वारा आंदोलनकारी किसानों को मवाली कहना मानसिक दिवालियापन है। यह देश की दो तिहाई जनसंख्या ही नहीं, बल्कि पूरे देश का अपमान है। उन्होंने कहा कि किसानों का उगाया अनाज खाना भाजपाई बंद कर दें।
बतादें कि मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों को मवाली कह डाला है। उन्होंने कहा है कि जो प्रदर्शन कर रहे हैं वे किसान नहीं है। मीनाक्षी लेखी ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा का जिक्र करते हुए यह भी कहा है कि प्रदर्शनकारियों का राजनीतिक एजेंडा है।
यादव ने मीडिया समूहों पर आयकर विभाग की कार्रवाई की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं का दमन और अभिव्यक्ति की आजादी पर चोट असंविधानिक है। जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि जो जनता की बात करते हुए सरकार की नाकामियों व सच्चाई को उजागर कर रहे हैं, उन्हें डराने के लिए ईडी जैसी अनेक जांच एजेंसियां दिल्ली और लखनऊ में सक्रिय हो गई हैं।
इससे ज्यादा भारत के लोकतंत्र के लिए कोई दुर्भाग्य नहीं हो सकता है, जहां सरकारी संस्थाएं जनता की आवाज दबा रही हैं। स्वस्थ लोकतंत्र में असहमति और नाराजगी सामने आनी चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार अपने खिलाफ एक शब्द नहीं सुनना चाहती। पर, सरकार को याद रखना चाहिए कि समय आने पर जनता सरकार को हटाना भी जानती है।