उत्तर प्रदेश में खनन घोटाला: पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के अमेठी और लखनऊ आवास पर एक साथ ED की छापेमारी
दस्तावेजों को खंगालने में जुटे अधिकारी
ब्रेकिंग अमेठी: उत्तरप्रदेश में खनन घोटाला:पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के अमेठी और लखनऊ वाले घरों पर एक साथ ED की छापेमारी,दस्तावेजों को खंगालने में जुटे अधिकारी 2012 से 17 तक कैबिनेट मंत्री रहते हुए गायत्री प्रजापति ने आय से छह गुन्ना संपत्ति अर्जित की थी. प्रवर्तन निदेशालय ने अगस्त, 2019 में गायत्री और 5 IAS अफसरों पर दर्ज किया था मनी लॉड्रिंग का केस
सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें कम होती दिखा नहीं रही हैं। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गायत्री के अमेठी और राजधानी लखनऊ स्थित घर पर एक साथ छापेमारी की। इसके अलावा ED की तीसरी टीम राजधानी में विभूति खंड स्थित गायत्री के बेटे के ओमेक्स के ऑफिस पर दस्तावेजों को खंगाल रही है। इसके अलावा गायत्री के ड्राइवर रामराज के घर भी टीम पहुंची है। टीम इलाहाबाद से आई है।
बता दें कि वर्ष 2012-17 के दौरान मंत्री रहते हुए प्रजापति ने आय से छह गुना अधिक संपत्तियां बनाई थी। वैध स्रोतों से उनकी आय 50 लाख रुपए के करीबी थी, जबकि उनके पास तीन करोड़ से अधिक की संपत्तियां मिलीं थीं। पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति वर्तमान में दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद हैं। इस मामले में लखनऊ पुलिस ने 15 मार्च 2017 को पूर्व मंत्री को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और तब से वह जेल में हैं।
अगस्त 2019 में दर्ज हुआ था केस
खनन घोटाले में ED ने अगस्त 2019 में CBI की FIR को आधार बनाकर पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद, बी.चंद्रकला समेत पांच IAS अधिकारियों के विरुद्ध प्रिवेंशन आफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके बाद जांच में 22 ऐसी बेनामी संपत्तियों की भी जानकारी मिली, जो मंत्री रहते हुए प्रजापति ने अपने करीबियों के नाम पर खरीदी थी। ये संपत्तियां करीबी रिश्तेदारों, निजी सहायकों और ड्राइवरों के नाम पर हैं। बुधवार सुबह प्रयागराज के ED के अधिकारी अमेठी कोतवाली क्षेत्र के आवास विकास कालोनी स्थित गायत्री प्रसाद के घर पर पहुंचे। जहां बेनामी संपत्तियों के दस्तावेजों और परिवार वालों से पूछताछ चल रही है। इसके अलावा टीम ने गायत्री के ड्राइवर रामराज के आवास पर भी छापेमारी की है।
सूत्रों के अनुसार ED इस बात की जानकारी जुटाने में लगी है कि संपत्तियां खरीदने के लिए धन किन स्रोतों से आया? उनसे आयकर रिटर्न और बैंक खातों के संबंध में भी जानकारी ली जाएगी। ऐसी ज्यादातर संपत्तियां भवन, भूखंड और फ्लैट के रूप में है।
बेटे से पूछताछ में शेल कंपनियों का हुआ था खुलासा
ED इस मामले में प्रजापति व उनके दोनों बेटों समेत कई लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है। इस दौरान शेल कंपनियों के साथ करोड़ों के ट्रांजेक्शन से जुड़े सबूत मिले थे। गायत्री प्रजापति के बेटे पर आरोप है कि उन्होंने शेल कंपनियों के जरिए मोहनलालगंज में करोड़ों की संपत्तियां खरीदी हैं। इसके अलावा खनन घोटाले के मामले में भी उनसे पूछताछ हुई। इसके अलावा यह भी पता चला है कि बेटे की कंपनी एमजे कॉलोनाइजर्स ने लखनऊ में बड़ी खरीद की है। एमजे कॉलोनाइजर्स ने लखनऊ के मोहनलालगंज में 110 बीघा जमीन खरीदी, एक बीघे जमीन की कीमत एक करोड़ रुपए बताई जा रही है। गायत्री के बेटे पूछताछ के दौरान पुणे में महंगा रो-हाउस खरीदने की बात कबूली है।