उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिला जज के यहां से बामनखेड़ी नरसंहार की दोषी शबनम अली का डेथ वारंट आज जारी नहीं हुआ है. जज ने बताया कि राज्यपाल के यहां दया याचिका पेंडिग होने के कारण यह कानूनी अड़चन आई है. सरकारी वकील ने अदालत से डेथ वारंट माँगा था. उसके बाद शबनम को फांसी लगाने की प्रक्रिया तेज हो जाती.
शबनम की फांसी को लेकर आज वारंट जारी होना था जो आज नहीं हुआ है. उस पर जज ने कहा चूँकि अभी शबनम की दया याचिका राज्यपाल के यहाँ पेंडिंग है तब तक डेथ वारंट जारी नहीं हो सकता है.
जेल में बंद शबनम को कब फांसी होगी ये तो अभी तय नहीं है, लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। जेल से शबनम ने अब सीबीआई जांच की मांग की है। रविवार को शबनम अपने बेटे ताज से मिली। शबनम ने अपने बेटे से कहा कि खूब अच्छे से पढ़ना। बेटे ने भी मां से पहली बार पूछा कि क्या उन्होंने यह गुनाह किया है?
शबनम ने की सीबीआई से जांच कराने की मांग
जेल में शबनम से मिलने उसका बेटा और उसके केयर टेकर उस्मान पहुंचे। दोनों के बीच लगभग एक घंटे मुलाकात चली। ताज अपनी मां से मिलने जेल पहुंचा। उसने अपनी मां से पहली बार पूछा क्या यह गुनाह आपने किया है तो उसने कहा कि उसे फंसाया गया है। वो पहले भी कोर्ट में इसकी जांच की मांग करती रही है, लेकिन उसकी मांग पूरी नहीं की गई है।
सीबीआई जांच की मांग
बेटे को देखकर शबनम भावुक हो गई। उसने कहा कि बेटा खूब मन लगाकर पढ़ना। बेटे के केयर टेकर उस्मान ने कहा कि अगर शबनम ने ये गुनाह किया है तो उसे बिल्कुल भी बचाना नहीं चाहिए। एक बार शबनम को मीडिया से बात करने की अनुमति दी जाए। उनका कहना है कि शबनम ने इस मामले में सीबीआई की जांच की मांग की है।
2008 की घटना के बाद फांसी की सजा
अमरोहा जिले के बाबनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी दी जाएगी। शबनम जुलाई 2019 से रामपुर जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने शबनम और सलीम की दया याचिका खारिज कर दी है।