छात्रा के ट्वीट के बाद AMU का असिस्टेंट प्रोफेसर सस्पेंड, जानें पूरा मामला
देवी देवताओं के बारे में अपमान और आपत्तिजनक स्लाइड के प्रयोग पर हंगामा मच गया...
एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में फोरेंसिक साइंस विभाग में अध्यापन के दौरान हिंदू देवी देवताओं के बारे में अपमान और आपत्तिजनक स्लाइड के प्रयोग पर हंगामा मच गया। एएमयू इंतजामिया में आज बुधवार को जांच समिति की रिपोर्ट के बाद आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर को निलंबित कर प्रतिकूल प्रविष्टि भी दी है। वहीं इस मामले को राजनीतिक रंग देने पर भाजपा नेता की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
मामला मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट से जुड़ा है। मंगलवार की रात विभाग की एक छात्रा नेअसिस्टेंट प्रोफेसर जितेंद्र कुमार के पढ़ाते समय इस्तेमाल की गई स्लाइड का फोटो ट्विटर पर पोस्ट किया। स्लाइड पर हिंदू देवी देवताओं के बारे में अपमान और आपत्तिजनक बातें लिखी हुईं थी। ट्ववीट में छात्रा ने कहा कि ,दो माह पहले उसने एएमयू से स्नातक किया है। वह एक करदाता भी है। उसका पैसा हिंदुओं के भगवान को अपमानित करने के लिए इस्तेमाल हो रहा है,। छात्रा ने ट्ववीट में एएमयू, पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी समेत कई लोगों को भी टैग किया था।
छात्रा के ट्वीट करने के कुछ समय बाद ही एएमयू और पुलिस महकमे ने इसका संज्ञान लिया। पुलिस ने एएमयू अधिकारियों से संपर्क साधकर छात्रा के ट्वीट का स्क्रीनशॉट भेजा गया। विश्वविद्यालय ने आनन-फानन में दो सदस्यीय जांच टीम गठित कर प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस भेजा गया। नोटिस मिलने के चंद मिनट बाद ही प्रोफेसर ने अपना माफीनामा भेज दिया। बुधवार दोपहर बाद जांच पूरी होने पर कुलसचिव अब्दुल हमीद (आइपीएस) ने आरोपी प्रोफेसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह मामला विश्वविद्यालय से लेकर सोशल मीडिया पर दिन भर चर्चा का विषय बना रहा।
जांच पूरी होने तक आरोपी रहेगा निलंबित: एएमयू
एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने बताया कि सहायक प्रोफेसर जितेंद्र कुमार को मामले की गंभीरता देखते हुए जांच पूरी होने तक सेवा से निलंबित कर दिया है। डॉ. कुमार को जारी कारण बताओ नोटिस के जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा नेता की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा
भाजपा नेता डॉक्टर निशित शर्मा की तहरीर पर आरोपी पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। धार्मिक भावनाओं को भड़काने और किसी धर्म पर टिप्पणी करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। तहरीर में विभागाध्यक्ष को भी दोषी ठहराते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। मुकदमें में अज्ञात को भी शामिल किया गया है।