मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में आ सकता है नया मोड़ हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने किया अपना काम
मुन्ना बजरंगी को दिल्ली में पेशी के लिए झांसी जेल से लाया गया था और अस्थाई रूप से बागपत जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था। 9 जुलाई को सुबह सवा 6 बजे बैरक के बाहर आजीवन कारावास की सजा काट रहे सुनील राठी ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया था। जेल के अंदर से 10 खोखे 7.62 बोर के और 17 जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे।
बागपत। बागपत जिला जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने हाथ में ली है। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने शनिवार को इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया। सीबीआई की एक टीम आज यानि रविवार को बागपत जेल का दौरा कर सकती है। सीबीआई की जांच से हत्याकांड के लिए रची गई साजिश का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। माना जाता है कि साजिश में कुछ सफेदपोश भी शामिल हैं।
सीबीआई ने बागपत के तत्कालीन जेल अधीक्षक उदय प्रताप सिंह की तरफ से जिले के खेकड़ा थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है। इसमें सजायाफ्ता बंदी सुनील राठी पर प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ बजरंगी की हत्या करने का आरोप लगाया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में 25 फरवरी को सीबीआई से जांच कराए जाने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद अब सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर साक्ष्य संकलन की कार्रवाई शुरू कर दी है।
मुन्ना बजरंगी को दिल्ली में पेशी के लिए झांसी जेल से लाया गया था और अस्थाई रूप से बागपत जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था। 9 जुलाई को सुबह सवा 6 बजे बैरक के बाहर आजीवन कारावास की सजा काट रहे सुनील राठी ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया था। जेल के अंदर से 10 खोखे 7.62 बोर के और 17 जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे।जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या को गंभीरता से लेते हुए शासन ने जेल अधीक्षक उदय प्रताप सिंह समेत कई जेलकर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। जिस दिन मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई, उस दिन उसे बसपा के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में बागपत में न्यायालय में पेश किया जाना था। मुन्ना बजरंगी पर हत्या, लूट व रंगदारी समेत कई गंभीर मामलों में भी केस दर्ज था।
इससे पहले हाईकोर्ट ने गत 25 फरवरी को इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश पारित किया था। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और राजीव मिश्रा की खंडपीठ ने यह आदेश मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह की याचिका पर दिया था। खंडपीठ ने सीबीआई को 20 अप्रैल 2020 को जांच की पहली प्रगति रिपोर्ट पेश करने का आदेश भी दिया था। सीमा सिंह ने अपनी याचिका में जेल की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रदेश सरकार और जेल प्रशासन पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था।