पत्रकार राकेश सिंह और उसके साथी को जिंदा जला कर मार डाला, वाह रे रामराज्य
लरामपुर जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र के कलवारी गांव में रहने वाले एक पत्रकार के घर में शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में आग लगने से पत्रकार राकेश सिंह (35) व उसके एक साथी पिन्टू साहू (32) की झुलस कर मौत हो गई।
वह पत्रकार था, हिंदूवादी दल का नेता भी था, स्पष्टवादी था, स्थानीय प्रशासन के नकेल डाले हुए था, एक बार सोशल मीडिया पर कुछ लिखने के मामले में जेल भी जा चुका था। उसके घर पर बमों से हमला किया गया, वह ज़िंदा ना बचे, यह सुनिश्चित करने के लिए घर के बाहर ताला भी लगा दिया गया।
यह सब हुआ उस राज्य में जहां के मुखिया हिन्दू र्कह्सा, राम राज्य के गीत गाने दीगर राज्यों के चुनावी मंच पर जा रहे हैं। बलरामपुर जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र के कलवारी गांव में रहने वाले एक पत्रकार के घर में शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में आग लगने से पत्रकार राकेश सिंह (35) व उसके एक साथी पिन्टू साहू (32) की झुलस कर मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस व एम्बुलेंस कर्मियों ने पत्रकार और उसके साथी को संयुक्त अस्पताल पहुंचाया, जहां पत्रकार के साथी को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया जबकि 90 प्रतिशत झुलस चुके पत्रकार को लखनऊ रेफर कर दिया जहां सिविल अस्पताल में उनकी भी मौत हो गई।
'पत्रकार राकेश सिंह लखनऊ से निकलने वाले एक दैनिक अखबार के लिए काम करते थे और यूट्यूब पर स्वतंत्र पत्रकारिता भी करते थे। मरने से पहले उन्होंने अस्पताल में एक वीडियों बयान भी दर्ज करवाया है, कुछ दिन पहले उन्होंने दबंगई के हालते एक दलित परिवार के पलायन की खबर डाली थी , तब से उन्हें धमकी मिल रही थीं। जिलाधिकारी से दिवंगत पत्रकार ने अपनी हत्या की आशंका भी जताई थी। राकेश ने कई पत्रकारों की मौजूदगी में डीएम से कहा था कि उन पर हमला हो सकता है तो जवाब मिला था कि अरे, आप पर कौन हमला करेगा।
उनकी ह्त्या का शक ग्राम प्रधान पर है , अनुमान है कि उनके घर को बाकायदा बारूद से उड़ाया गया है क्योंकि उसकी बाहरी दीवार पूरी तरह उड़ गयी है।पत्रकार राकेश सिंह व उसके एक साथी पिन्टू साहू घर में मौजूद थे, जबकि राकेश की पत्नी व बच्चे दो दिन पहले हुए घरेलू झगड़े के चलते घर से किसी रिश्तेदार के यहां चले गए थे। उन्होंने बताया कि बीती शुक्रवार की देर रात राकेश के घर में तेज धमाका हुआ, जिससे घर के दाएं तरफ की दीवार गिर गई और तब लोगों को घटना की जानकारी हुई।
पंकज चतुर्वेदी