'आजीविका' की चाय से रिफ्रेश होगा बाराबंकी और स्वावलंबी बनेंगी महिलाएं
टी स्टॉल लगाकर महिलाओं ने सच किया आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर बेटियों का सपना
सरकार की आत्मनिर्भर भारत की पहल का असर बाराबंकी की आधी आबादी पर साफ नजर आ रहा है। यहां महिलाएं अब चौका-चूल्हा संभालने के साथ स्वरोजगार की ओर भी आगे आ रही हैं। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की तमाम महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। राशन की दुकान से लेकर बिजली के बिल की वसूली तक में महिलाएं अपना हुनर दिखा रही हैं। राशन वितरण का कार्य हो या फिर प्रेरणा कैंटीन और टी स्टॉल लगाने का काम, समूह की महिलाएं अब सभी काम बखूबी संभाल रही हैं।
कुछ ऐसा ही नजारा आज बाराबंकी जिले में देखने को मिला, जहां स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने एक टी स्टॉल लगाकर आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर बेटियों का सपना सच कर दिखाया। यह टी स्टॉल चायवाला फाउंडेशन की तरफ से लगवाया गया है। दरअसल बाराबंकी की आधी आबादी अब किसी दूसरे पर आश्रित नहीं रहेगी। स्वयं सहायता समूह से जुड़कर यह महिलाएं खुद आत्मनिर्भर बन रहीं हैं और दूसरों को भी आत्मनिर्भर बना रही हैं। स्वयं सहायता समूह की इन्हीं महिलाओं ने बाराबंकी की नवाबगंज तहसील परिसर में एक टी स्टॉल की शुरुआत की है। यह टी स्टॉल चायवाला फाउंडेशन की तरफ से लगवाया गया है। इस टी स्टॉल का उद्घाटन खुद बाराबंकी के जिलाधिकारी डा. आदर्श सिंह ने किया और सीडीओ एकता सिंह, एडीएम राकेश सिंह और एसडीएम सदर सुमित यादव के साथ चाय की चुस्की भी ली। एसडीएम सुनित यादव ने चाय का पेमेंट भी बॉर कोड को स्कैन करके किया।
राष्ट्रीय आजीविका मिशन की महिलाओं ने उद्घाटन के बाद पूरे जज्बे से इस टी स्टॉल का संचालन शुरू किया। यह महिलाएं तहसील के गेट पर चाय बेचकर अपनी आजीविका चलाएंगी। इनकी चाय तहसील कार्यालय के साथ ही अगल-बगल के सभी सरकारी कार्यालयों में भी जाएगी। चायवाला फाउंडेशन की तरफ से इन महिलाओं को 9 से 12 हजार रुपये प्रति महीना वेतन भी दिया जाएगा। समूह की महिलाओं ने बताया कि सरकार की मदद से वह आत्मनिर्भर बन चुकी हैं और अब काफी खुश हैं। इन महिलाओं ने बताया कि अभी तक वह अपने-अपने घरों में बंद थीं, लेकिन अब उन्हें अपनी अलग पहचान मिल रही है।
वहीं बाराबंकी के जिलाधिकारी डा. आदर्श सिंह मे बताया कि हम लोग काफी कोशिश कर रहे हैं कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अलग-अलग अवसर प्रदान करें, जिससे वह आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। उसी कड़ी में जिले की लगभग सभी सीएचसी और सरकारी चिकित्सालयों में प्रेरणा कैंटीन की स्थापना की गई है। इसी क्रम में नवाबगंज तहसील परिसर में चाय वाला फाउंडेशन के द्वारा एक आउटलेट खोला गया है। जिसमें समूह की महिलाओं को रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी पहल है। यहां काफी वाजिब दाम में लोगों को चाय और काफी मिलेगी।
वहीं चाय वाला फाउंडेशन के अमित तिवारी मे बताया कि समूह की इन महिलाओं को 9 से 12 हजार रुपये प्रति महीना वेतन दिया जाएगा। महिला सशक्तिकरण के लिये हम लोगों ने यह टी स्टॉल लगाया है। यहां काम कर रही महिलाओं को पीएफ और ईएसआई की भी सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह टी स्टॉल चले या न चले, यहां काम कर रही समूह की इन महिलाओं को वेतन फाउंडेशन की तरफ से हमेशा मिलता रहेगा।