बाराबंकी: थाना जहाँगीराबाद इलाके के दरहरा गांव के बाहर तालाब किनारे दो प्रतिबंधित मवेशियों को मारकर अवशेष फेंक दिए गए। सोमवार रात हुई इस घटना के बाद मंगलवार सुबह तालाब किनारे दो जानवरो के अवशेष मिलते ही इलाके में आक्रोश पनप गया। मौके पर भीड़ लग गई। आनन फानन में पहुची पुलिस ने अवशेष को कब्जे में लेकर लोगो को कार्रवाही का भरोषा दिलाया।
लोग इस काम को करने वालों से पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगा रहे है। भीड़ ने बताया कि पड़ोसी गांव में खुलेआम अवैध मांश की दुकान लग रही है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की है।
तालाब को बनाया बूचड़ खाना :
लोगो की बात मान तो दरहरा और हजरतपुर के बीच सुनसान इलाके में बना चंतारा तालाब जो काफी गहरा है को व्यवसायी मिनी बूचड़खाने की तरह स्तेमाल कर रहे है। देर रात प्रतिबंधित मवेशियों को लाकर यहां वध करके मांश निकाल कर अवशेष पानी मे दफना देते है। सोमवार रात एक ग्रामीण को कुछ व्यक्तियों की गतिविधियों की आहट लगी उसने गांव जाकर चोर होने की बात बताई इस पर कई लोग तालाब की तरफ आये । लोगो को अपनी ओर आता देख मांश व्यपारी अवशेष तालाब किनारे ही छोड़ भाग गए। सुबह लोगो ने पुलिस को इसकी खबर दी तो मामला दबाने की कोसिस हुई लेकिन लोगो की सक्रियता से पुलिस ने आखिरकार अज्ञात लोगों के खिलाफ गौवध अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज करके पशु चिकित्सको की टीम बुलाकर कर पोस्टमार्टम कराया ।
यंहा चलती है बेखौफ दुकानें:
लोगो ने बताया कि थाना इलाके के दरहरा, भयारा, अछेछा, सद्दीपुर में सुबह 5 से 6 बजे के बीच निर्धारित मांश बिक्री की दुकान लगती है। बिक्री के लिए ग्राहकों को पहले ही फोन पर मांश उपलब्ध होने की खबर कर दी जाती है। व्यापारी के आने से पहले लोग जमा हो जाते है। सूत्रों के मुताबिक काफी दूर से खरीददार अड्डे पर पहुच जाते है। एक खरीददार ने बताया कि व्यपारी पुलिस से मिलकर दुकान लगाता है इस लिए मनमाना रेट भी लेता है। इस बाबत थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि तालाब किनारे अवशेष बरामद हुए है गौवध अधिनियम की धाराओं में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जांच की जा रही है तनाव जैसी कोई बात नही है।