गायों की हालत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला..

अगर देशवासी मौजूदा हालात को लेकर गंभीर नहीं हुए तो भारत के हालात भी अफगानिस्तान में तालिबान के हमले और कब्जे की तरह हो सकते हैं"

Update: 2021-09-02 06:29 GMT

प्रयागराज, यूपी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले यूपी की सियासत फिर से गरमा गई है इस बार गरमा गरमी का माहौल हाईकोर्ट की एक टिप्पणी ने बनाया है। बीते बुधवार के दिन प्रयागराज हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को गाय को 'राष्ट्रीय पशु' घोषित करने का सुझाव दिया है।

कॉउ स्लॉटर एक्ट के तहत गिरफ्तार जावेद नाम के शख्स की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह सुझाव दिया। कोर्ट ने आरोपी जावेद की जमानत अर्जी खारिज की है। 

यह फैसला जस्टिस शेखर कुमार यादव की सिंगल बेंच ने सुनाया है,  कोर्ट ने संभल जिले के नखासा थाने में गौवध निवारण अधिनियम के तहत दर्ज हुई एफआईआर में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए जावेद नाम के आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज किया है अदालत ने अपने फैसले में कहा कि, "आरोपी जावेद ने जो किया है, उसका समाज पर गलत असर पड़ा है जमानत मिलने पर जेल से छूटने के बाद वह फिर से गौ हत्या के काम में शामिल होकर समाज का माहौल बिगाड़कर तनाव के हालात पैदा कर सकता है"

कोर्ट ने कहा, गाय भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा..

कोर्ट कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि, गायों को सिर्फ धार्मिक नजरिए से नहीं देखना चाहिए, गाय हमारी भारतीय संस्कृति की विरासत हैं।

हाईकोर्ट का सुझाव है कि , केंद्र सरकार संसद में बिल लाकर गायों को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दे देना चाहिए। हाईकोर्ट की टिप्पणी, जब गायों का कल्याण होगा तभी देश का कल्याण होगा।

कोर्ट ने अपने फैसले में गायों के महत्व को विस्तार से बताते हुए कहा कि, "अगर देशवासी मौजूदा हालात को लेकर गंभीर नहीं हुए तो भारत के हालात भी अफगानिस्तान में तालिबान के हमले और कब्जे की तरह हो सकते हैं"

कोर्ट ने सुझाव देते हुए कहा कि संसद जो कानून बनाए उस पर अमल भी कराए..

कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह सजा देते हुए कहा कि संसद जो भी कानून गायों पर बनाती है कानून बनाने से अधिक जिम्मेदारी है कि उस पर अमल भी कराए।

साथ ही कहा कि, हर देशवासी का फर्ज है कि वह गायों का सम्मान करें उनकी सुरक्षा करें। हाई कोर्ट की टिप्पणी का देवबंदी उलेमा इसहाक गोरा ने समर्थन किया है।

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