गठबंधन को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने रखी ये बड़ी शर्त!

अब तक अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाली मायावती ने अपना स्टैंड बदल लिया है.

Update: 2023-07-25 15:13 GMT

अब तक अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाली मायावती ने अपना स्टैंड बदल लिया है. चुनाव से पहले किसी भी पार्टी से गठबंधन न करने के फ़ैसले पर बीएसपी अध्यक्ष अब भी कायम हैं, लेकिन चुनाव के बाद जरूरत पड़ने पर वे गठबंधन को तैयार हैं. शर्त बस इतनी है कि ये समझौता सिर्फ सरकार बनाने के लिए होगा. दूसरी शर्त ये है कि गठबंधन वाला ये फार्मूला सिर्फ विधानसभा चुनावों के लिए है.

लोकसभा चुनाव में तो बीएसपी एकला चलो के फार्मूले पर ही काम करेगी. मायावती को लेकर अखिलेश यादव कहते रहते हैं कि बीएसपी तो अब बीजेपी की बी टीम है, लेकिन आज के मायावती के फ़ैसले से इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीएसपी गठबंधन का चैप्टर अभी बंद नहीं हुआ है. आज पार्टी के सीनियर नेताओं की बैठक में मायावती ने अपने ह्रदय परिवर्तन की जानकारी दी. ये मीटिंग इस साल के आख़िर में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बुलाई गई थी.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने घर पर विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर मीटिंग बुलाई थी. इस बैठक में तेलंगाना, एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव को लेकर लंबी चर्चा हुई. इस साल के आख़िर में इन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. तेलंगाना को छोड़ कर पिछली बार सभी राज्यों में बीएसपी के विधायक चुने गए थे.

राजस्थान में बीएसपी के सभी विधायक चले गए

राजस्थान में तो पार्टी के छह विधायक चुने गए थे, लेकिन सब बाद में अशोक गहलोत सरकार में शामिल हो गए. मायावती ऐसा नहीं चाहती थीं. पर बीएसपी विधायकों के गुट के नेता राजेन्द्र सिंह गुढा ने गेम कर दिया. गहलोत ने उन्हें मंत्री बना दिया. अभी हाल में ही उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ में बीएसपी के एक विधायक जीते और वे भी सरकार के समर्थन में चले गए. 

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