यूपी : पुराने वीडियो को ट्वीट कर फंसे पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह, दर्ज हुआ मुकदमा
सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ ये कार्यवाही सोशल मीडिया में अफवाह फ़ैलाने को लेकर हुई है.
वाराणसी : यूपी में पूर्व आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ मुक़दमा दर्ज हुआ है. दरअसल, पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ ये कार्यवाही सोशल मीडिया में अफवाह फ़ैलाने को लेकर हुई है. क्यूंकि पूर्व आईएएस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पुराना वीडियो शेयर किया था जो कोरोना मरीज का शव एक नाले के पास मिलने से संबंधित था. इसी को लेकर सूर्यप्रताप सिंह के खिलाफ लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.
सूर्य प्रताप सिंह के ट्वीट पर शासन से लेकर वाराणसी प्रशासन में हड़कंप मच गया. सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की चर्चाएं चल पड़ीं. तत्काल हुई जांच में उसके एक साल पुराना होने की पुष्टि करते हुए काशी जोन के एडीसीपी विकासचंद्र त्रिपाठी ने री-ट्वीट किया. इसके बाद एसपी सिंह ने अपना ट्वीट तो हटा लिया लेकिन वह घटना को सही करार देते रहे.
पूर्व आईएएस ने 34 सेकेंड के वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा था-'योगीजी केवल उछलकूद से काम नहीं चलेगा, परिणाम भी चाहिए.आप आज वाराणसी में समीक्षा कर रहे हैं, जरा गरीब के इस रुदन को भी सुन लीजिएगा. वाराणसी के इस अस्पताल में एडमिट कोरोना पॉजिटिव मरीज का शव नाले में मिला. दो दिन से मरीज लापता था, परिजन खोज रहे थे.' जांच में वह वीडियो पिछले वर्ष 24 अगस्त का मिला.
महामारी और आईटी ऐक्ट में मुकदमा दर्ज
वीडियो के जांच के बाद वाराणसी पुलिस ने इस मामले में लंका थाने में पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. लंका थानाध्यक्ष महेश पांडेय ने बताया कि अधिकारियों के निर्देश के बाद इस मामले में महामारी अधिनियम के अलावा आईटी ऐक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है.
हालांकि, वाराणसी पुलिस की इस कार्रवाई के बाद पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह ने ट्विटर पर लिखा, 'उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकता का जवाब नहीं. बनारस में घटित हुई सत्य घटना को ट्वीट करने पर मेरे ऊपर मुकदमा लिख दिया गया है. आरोप है, 'घटना तो पहले हुई, ट्वीट आज कैसे कर दिया गया.'