आईटीबीपी में किसान की बेटी का हुआ चयन बधाई देने के लिए क्षेत्र के लोगों का लागा तांता
परिंदो को मिलेगी मंज़िल एक दिन ये फैले हुए उनके पर बोलते है,और वही लोग रहते है खामोश अक्सर ज़माने में जिनके हुनर बोलते है!
यह चंद पंक्तियां किसान की बिटिया कोमल की सफलता को बयां कर रही है……
चहनिया सराय बलुआ गांव के किसान परिवार से कोमल का चयन आईटीबीपी में होने पर पूरा परिवार,गांव और शुभचिंतकों में खुशी की लहर दौड़ गई कोमल ने आइटीबीपी की परीक्षा,मेडिकल में अव्वल अंक प्राप्त किए अब हरियाणा में इसी माह से कोमल की छः माह की ट्रेनिंग शुरू होगी।
परिवार का नाता पहले से ही देश सेवा से जुड़ा है,दादा काशी नाथ यादवआर्मी से रिटायर्ड तो तीन बेटों में दो आर्मी में सेवा दे चुके है।सबसे बड़े बेटे संतोष यादव की तीन बेटियों कोमल,काजल,पायल और एक बेटे श्र्यांश में कोमल यादव सबसे बड़ी है ।
पिता के साथ मां सीमा देवी ने घर की ज़िम्मेदारी बखूबी संभालते हुए बच्चों को हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरित किया ।
कोमल की प्रारंभिक शिक्षा बाबा फलहारी इंटर कॉलेज कैथी से हुई,बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि की धनी कोमल ने एक से बारवही तक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया।
मां खंडवारी देवी से ग्रेजुएशन में दाखिले के साथ ही कोमल ने कंप्यूटर और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने की सोचा,यहां से आदर्श गुरु गंगाधर सर और जॉब्स परिवार के दिशानिर्देशन में कुशल मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।वह ग्रेजुएशन फर्स्ट डिवीजन के साथ कंप्यूटर में ओ लेवल,सीसीसी भी पास है।
माता पिता और गुरुजनों को आदर्श मानने वाली कोमल अपने संघर्ष के दिनों को याद कर भावुक हो गई और कहती है मुझे सामाजिक,आर्थिक और मानसिक सभी पीड़ाओं को झेलना पड़ा क्योंकि मैं एक बेटी हूं बेटा नहीं, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में सच्ची लगन से की गई मेहनत एक दिन रंग अवश्य लाती है।मैं आने वाले दिनों उच्च पद पर जाना चाहूंगी।
चंदन सिंह की रिपोर्ट