सत्यप्रकाश भारती
यूपी के सरकारी अस्पतालों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। कौशांबी जिले के जिला अस्पताल में शनिवार को एक पिता अपने पांच साल बेटे के शव को लेकर 3 घंटों तक भटकता रहा, लेकिन उसे शव ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला। ऐसा तब हो रहा है जब एक महीना पहले 11 जून को डिप्टी सीएम ने इसी अस्पताल का दौरा किया था। पिता ने जिला अस्पताल प्रशासन पर अवैध वसूली का भी आरोप लगाया है। हालांकि, स्थानीय मीडियाकर्मियों के हस्तक्षेप के बाद शव ले जाने के लिए अधिकारियों ने वाहन उपलब्ध करा दिया।
क्या है पूरा मामला
यूपी के चित्रकूट के रैपुरा के करौंधी कला के रहने वाले रामलाल अपने बेटे दीपांशु (5) का इलाज कौशाम्बी जिला अस्पताल से करा रहे थे। दीपांशु के सीने में फोड़ा था। रामलाल ने आरोप लगाया है, "अस्पताल के एक सर्जन ने तीन हजार रुपए रिश्वत लेकर गत शुक्रवार को बेटे का ऑपरेशन किया था। शनिवार को उसकी ड्रेसिंग की जानी थी। अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। उसकी आंखें पलटने लगी। अस्पताल का वार्ड स्टाफ आया और उसे तुरंत ऑपरेशन के कमरे में ले गया। कुछ देर बाद आकर मुझे बताया गया कि मेरे बेटे की मौत हो गई है।"
रामलाल ने आगे बताया, "मेरे बेटे की मौत होने के बाद उसके शव को अस्पताल के बरामदे में रख दिया गया। मैं तीन घंटे तक बेटे का शव गोद में लिए इधर-उधर भटकता रहा। कई मर्तबा (बार-बार) मैंने जिला अस्पताल प्रशासन से शव वाहन की मांग की, लेकिन टालमटोल किया गया। कुछ मीडियाकर्मी ने जब यह देखा तो वीडियो बनाने लगे। इसके बाद मुझे नई बिल्डिंग की ओर से बुलाया गया। करीब दो सौ मीटर दूर बुलाकर मुझे शव वाहन में बैठाकर चित्रकूट ले आये।"
दीपांशु की मौत के बाद पिता रामलाल बिलख रहे थे। रामलाल का कहना है, "जब तक तीन हजार रुपए नहीं दिए तब तक ऑपरेशन नहीं किया गया। इसके बाद देखरेख में लापरवाही की गई। जिससे मेरे बेटे की जान चली गई।"
11 जून को डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने सीएमएस दीपक सेठ से हाजिरी रजिस्टर तलब कर उसकी जांच भी की थी। हाजरी रजिस्टर में डॉ. रेखा यादव के अनुपस्थित पाए जाने पर उन्होंने नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का गृह जनपद है कौशाम्बी
यूपी का कौशांबी जिला डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का गृह जनपद भी है। केशव प्रसाद मौर्य सिराथू विधानसभा से कई बार चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में डिप्टी सीएम के ही जिले के अस्पताल की यह हालत कई सवाल खड़े करती है। राज्य के अन्य जिला अस्पतालों की व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है। इधर, अस्पताल के सीएमएस डॉ. दीपक सेठ ने मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। सीएमओ डॉ. सुष्पेंद्र कुमार का कहना है, "मामला गंभीर है। सीएमएस से रिपोर्ट तलब कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"