कोरोना वायरस: यूपी की जेलों में कैदी बना रहे हैं मास्क, 71 में से 55 जेलों में है सुविधा

उत्तर प्रदेश की जेलों में कैदी अब कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मास्क बना रहे हैं?

Update: 2020-03-15 10:14 GMT

लखनऊ : दुनिया के 120 से ज्यादा देश कोरना वायरस का कहर झेल रहे हैं और उनमें से एक भारत भी है। उत्तर प्रदेश कोरोना वायरस से प्रभावित सूबों में से एक है और यहां की जेलों में कैदी अब कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मास्क बना रहे हैं। मथुरा जेल ने योजना बनाई है कि वह अपने कैदियों द्वारा बने 500 मास्क राज्य के अन्य कैदियों में बांटेगी। यह मास्क कैदियों द्वारा शनिवार और रविवार को बनाए गए थे। जेल महानिदेशक आनंद कुमार ने कहा कि राज्य की 71 में से 55 जेलों में सरकारी डॉक्टरों के दिशानिर्देशों के मुताबिक डिजाइन किए गए मास्क बनाने की सुविधा है।

उन्होंने कहा, '16 जेलों में जहां मास्क बनाने की व्यवस्था नहीं है, हमने वहां जेलरों को बाहर से मास्क लाकर कैदियों में बांटने के लिए कहा है। हमने इन-हाउस प्रशिक्षकों से उपलब्ध संसाधनों के जरिए मास्क बनाने को कहा है। यदि कच्चे माल की अपर्याप्तता है तो हम बाजार से इसकी व्यवस्था करेंगे।' बाराबंकी, गाजियाबाद, फिरोजाबाद और गौतम बुद्ध नगर की जिला जेलों में भी मास्क बनने शुरू हो गए हैं। पिछले हफ्ते, 71 जेलों के जेलरों को निर्देश दिया गया था कि वे परिसर में सैनिटाइजर डिस्पेंसर लगाएं और कैदियों को अतिरिक्त साबुन बांटें।

उत्तर प्रदेश की जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी

जेलरों को कहा गया है कि वे कैदियों को एक-दूसरे से कम से कम एक मीटर दूरी रखने को भी कहें। उन्होंने कहा कि केवल मास्क पहन लेना ही इस वायरस के संक्रमण से बचने का पुख्ता तरीका नहीं है, बल्कि साफ-सफाई रखना भी बहुत आवश्यक है। उत्तर प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं, ऐसे में वॉर्डन से कोविड-19 के बारे में जागरूकता फैलाने और हर दिन मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। जिला अस्पतालों में लंबी बीमारी के कैदियों को ट्रांसफर करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है।

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