भारी पुलिस बल की मौजूदगी में निकली दलित CRPF जवान की बारात, जानें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshahar) में पुलिस फोर्स (Police Force) और पीएसी (PAC) के जवानों की मौजूदगी में एक गांव में दलित व्यक्ति की बरात निकाली गयी।

Update: 2022-04-25 09:29 GMT

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshahar) में पुलिस फोर्स (Police Force) और पीएसी (PAC) के जवानों की मौजूदगी में एक गांव में दलित व्यक्ति की बरात निकाली गयी। इस दौरान युवक का घुड़चढ़ी काार्यक्रम भी हुआ। पुलिस की ओर से एएसआई विनय कुमार सिंह (ASI Vinay Kumar Singh) ने बताया है कि पुलिस से घुड़चढ़ी के लिए ए​क अनुसूचित जाति के युवक ने अनुमति मांगी थी। जिसकी शादी हो रही है वह सीआरपीफ का जवान है। हमने एहतियात के तौर पर फोर्स लगाई थी। इस दौरान घुड़चढ़ी का कार्यक्रम भी शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न कराया गया।

इससे पहले सीआरपीएफ के जवान गौरव ने शुक्रवार को एसपी सिटी को आवेदन देकर बताया था कि रविवार को उनकी बारात अलीगढ़ जिले के मानपुर गांव जाएगी। गांव में अनुसूचित जाति व ठाकुर समाज में कई सालों से विवाद चल रहा है। ऐसे में कोई अनहोनी घटना न हो इसके लिए गौरव ने पुलिस सुरक्षा की मांग की थी।

रविवार की सुबह गांव में बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस ने पहले पैदल मार्च निकाला। शाम चार बजे पुलिस की पहरेदारी में गौरव की घुड़चढ़ी करायी गयी। इसके बाद गौरव बारात लेकर चला गया। बता दें, गांव के जिस-जिस रास्ते से घुड़चढ़ी निकली, उस रास्ते पर पुलिस छतों से नजर रख रही थी। इस दौरान सीओ सिकंदराबाद सुरेश सिंह भी गांव में मौजूद रहे।

वहीं इस मामले में एसपी सिटी सुरेन्द्र नाथ तिवारी ने बताया है कि अनुसूचित जाति के सीआरपीएफ जवान की घुड़चढ़ी गांव में शांतिपूर्वक ढंग से करवा दी गयी है। इस दौरान गांव में एक सीओ, दो थाना प्रभारी, आठ दारोगा समेत 50 से अधिक पुरुष व महिला जवान तैनात रहे। उन्होंने कहा कि अभी भी गांव में एहतियात के तौर पर पुलिस फोर्स तैनात है।

इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद कई लोगों ने ​इस पर दिलचस्प प्रतिक्रिया भी दी है। राजीव गोयल नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है पुलिस के संसाधनों का दुरुपयोग किया गया है। गांव को प्रधान को हिदायत देकर भी बारात निकाली जा सकती थी। उसके लिए पूरा पुलिस अमला तैनात करने की जरूरत नहीं थी। जय बनर्जी नाम के एक यूजर ने लिखा है कि ऐसी घटनाएं 21वीं सदी में भी ऐसी घटनाएं शर्मनाक हैं। 

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