यूपी में 30 से 35 फीसदी महंगी हो सकती है बिजली, जानिए किस प्रस्ताव के मंजूरी के बाद होगा ये बदलाव

यूपी में बिजली महँगी हो सकती है। ऐसा तब होगा जब पावर कॉर्पोरेशन के प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग ने हरी झंडी दी।

Update: 2023-10-14 08:13 GMT

पावर कॉर्पोरेशन ने चौथी बार कॉस्ट डाटा बुक में कोई बदलाव नहीं किया है। यदि पावर कॉर्पोरेशन के प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग ने हरी झंडी दी तो बिजली कनेक्शन की नई दरों में 30 से 35 फीसदी वृद्धि हो जाएगी। यानी पावर कॉर्पोरेशन बिजली दर बढ़ाने पर आमादा है। सितंबर में पावर कॉर्पोरेशन ने विद्युत वितरण निगमों की ओर से नियामक आयोग में प्रस्ताव भेजा था। भारी विरोध के बाद आयोग ने दरें संशोधित कर प्रस्ताव देने का निर्देश दिया था लेकिन 11 अक्तूबर को दाखिल किए गए संशोधित कॉस्ट डाटा बुक में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो छोटे व बड़े उद्योगों की सिक्योरिटी राशि में 50 से 100 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में उद्योगों के लिए नए कनेक्शन की दरों में 100 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि हो सकती है। इसका सीधा भार कनेक्शन धारक पर पड़ेगा।

उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि हर स्तर पर बिजली दरें बढ़ाने का विरोध किया जाएगा। जल्द ही जब आयोग रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक बुलाएगा तो उसमें अव्यवहारिक दरों का विरोध करेंगे।

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ट्रांसफार्मर की व्यवस्था में मिलेगा फायदा

नई संशोधित कॉस्ट डाटा बुक प्रस्ताव में ट्रांसफार्मर की व्यवस्था में कुछ बदलाव किए गए हैं। 16 केवीए 3 फेस व 10 केवीए सिंगल फेस ट्रांसफार्मर के मामले में किसानों को राहत मिलेगी। उन्हें अनिवार्य रूप से 25 केवीए का ट्रांसफार्मर नहीं लगाना पड़ेगा। अब 12 किलो वाट नए कनेक्शन व 12 हॉर्स पावर तक के नए निजी नलकूप पर 16 केवीए ट्रांसफार्मर से भी काम चल जाएगा।

प्रीपेड मीटर की दरें तय नहीं, उठ रहे सवाल

नई कॉस्ट डाटा बुक में अभी भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरों को पावर कॉर्पोरेशन ने दाखिल नहीं किया है। जबकि सभी बिजली कंपनियों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर हो चुके हैं। फाइनल और नई दरें तय हो चुकी हैं। ऐसे में दरों को न प्रस्तावित करने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आयोग की ओर से बुलाई जाने वाली सप्लाई कोड रिव्यू पैनल की बैठक में उपभोक्ता परिषद इस बढ़ोतरी का विरोध करेगा। साथ ही पैनल की बैठक में उपभोक्ता परिषद उपभोक्ता सामग्री की गैर तर्कसंगत दरों को लेकर भी खुलासा करेगा।

नए संयोजन में सिक्योरिटी में सर्वाधिक प्रस्तावित दरें

स्मॉल एंड मीडियम पावर 1,350 रुपये प्रति किलोवाट, अब बढ़कर 3000 रुपये प्रति किलोवाट 122 प्रतिशत।

नॉन इंडस्ट्रियल लोड 4,500 रुपये प्रति केवीए, अब बढ़कर 6000 रुपये प्रति केवीए 33 प्रतिशत।  

लार्ज एंड हैवी 2,200 रुपये प्रति किलोवाट, अब बढ़कर 5,000 रुपये प्रति किलोवाट 127 प्रतिशत। 

चार्जिंग सबस्टेशन 400 रुपये प्रति किलोवाटए अब बढ़कर 3,000 रुपये प्रति किलोवाट 650 प्रतिशत। 

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