डा. महादीपक सिंह एक सादगी पसंद, ईमानदार, सच्चरित्र और मृदुभाषी राजनेता थे - ज्ञानेन्द्र रावत
पूर्व सांसद डा. महादीपक सिंह एक लोकप्रिय, ईमानदार, सच्चरित्र, मृदुभाषी और सादगी पसंद नेता थे। मेरा उनसे छात्र जीवन से परिचय था। दिल्ली आने पर दिल्ली प्रवास के दौरान उनसे कभी संसद और कभी आवास पर भेंट होती ही रहती थी। सबसे बड़ी बात वह सर्व सुलभ थे। यह उनकी शख्शियत का ही कमाल था कि सन् 1971 की इंदिरा लहर में भी वह जब चारो ओर कांग्रेस की लहर थी, जनसंघ के टिकट पर जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।
जिले की राजनीति में लकी स्टार माने जाने वाले पूर्व सांसद डा. महादीपक सिंह शाक्य (98) नहीं रहे। उन्होंने एटा स्थित निज आवास पर अंतिम सांस ली। वह काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उन्होंने एटा लोकसभा सीट से छह बार जीत दर्ज की थी। अंतिम संस्कार बुधवार सुबह पैतृक गांव अगोनापुर में किया जाएगा।
महादीपक सिंह शाक्य ने जनसंघ से राजनीति शुरू की थी। वर्ष 1971 में जनसंघ और 1977 में भारतीय लोकदल से सांसद बने। इसके अलावा 1981 से लेकर 1998 के बीच चार बार लोकसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले वह सपा में शामिल हो गए थे, लोकसभा चुनाव नजदीक आने पर फिर से भाजपा के पक्ष में खड़े दिखाई दिए। वे संसद की विभिन्न समितियों में भी रहे थे।
सांसद रहते हुए मेरी दिल्ली में उनसे अक्सर भेंट होती रहती थी और घंटों चर्चा होती थी। चर्चा के दौरान अक्सर वह गरीबों की बदहाली के सवाल पर बेहद भावुक हो उठते थे और कहते थे कि वह दिन कब आयेगा जब देश के गरीबों की जिंदगी से अँधियारा छटेगा।
ऐसे विलक्षण प्रतिभा के धनी डा. साहब के निधन से एटा ही नहीं समूचा क्षेत्र दुखी है। उनके निधन से हुई रिक्त स्थान की भरपाई असंभव है। मैं उन्हें अपनी आदरांजलि अर्पित करता हूँ और परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि उनको वह अपने श्री चरणों में स्थान दे व शोक संतप्त परिवार को इस दारुण दुख सहने की शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करे। ओम शान्ति ।