वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत ने कहा है कि साहित्याकाश के अनूठे चितेरे और जाने माने गीतकार प्रभात किरण जी का लम्बी बीमारी के बाद आज निधन हो गया।
वह गीतों की दुनिया के ऐसे सितारे थे जो हमेशा याद किये जायेंगे। उनके निधन से एटा ने ही नहीं देश ने एक महान गीतकार खो दिया है। वह पिछले काफी लम्बे अरसे से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से काव्य जगत की जो अपूरणीय क्षति हुयी है, उसकी भरपायी असंभव है।
साहित्यकार -कवि सुरेन्द्र रावत ने प्रभात जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि श्री प्रभात जी जैसे विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे, वैसे ही उनकी कविताओं में विलक्षणता के साथ साथ समाज की पीड़ा स्पष्ट दृष्टिगोचर होती थी। असलियत में वह गीतकार के साथ समाज विज्ञानी भी थे।