एटा : धुमरी में श्रीमद् भागवत कथा में साध्वी मेरू देवा ने बताया, 'मनुष्य का एक जन्म मां के द्वारा होता है तो दूसरा जन्म गुरु के द्वारा होता है'
श्री आशुतोष महाराज जी की विशेष अनुकम्पा से धुमरी चौराहा अलीगंज रोड़ एटा में श्रीमद् भागवत कथा हो रही है.
धुमरी : यूपी के जनपद एटा के कस्वा धुमरी में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की विशेष अनुकम्पा से शादीलाल जी का अहाता, धुमरी चौराहा अलीगंज रोड़ एटा में हो रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में गुरुदेव आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथा व्यास साध्वी मेरू देवा भारती जी ने आज अजामिल प्रसंग को भक्तों के समक्ष रखते हुए कहा कि मनुष्य के जीवन में एक पूर्ण गुरु का क्या महत्व है।
इसीलिए हमारे समस्त धार्मिक शास्त्र ग्रन्थों में "पूर्ण गुरू" की महिमा लिखी गई है। साध्वी मेरूदेवा भारती जी ने कहा "सत गुरू की महिमा अनंत अनंत उपकार लौचन अनंत उघाड़ियाँ अनंत दिखावन हार" अर्थात एक जीवात्मा पर सतगुरु के अनंत उपकार हुआ करते हैं। वहीं एक मनुष्य को ईश्वर का दर्शन करवा कर द्विज बनाते हैं। अर्थात् मनुष्य का एक जन्म माता के द्वारा होता है और दूसरा जन्म गुरु के द्वारा अध्यात्म में होता है।
उन्होंने कहा त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव" इसलिए हमारे संतों ने कहा कि गुरू सहज ईश्वर का दर्शन ही नहीं कराते बल्कि वह एक जीवात्मा को पाप कर्मों से भी बचाते हैं। जिस प्रकार अजामिल ने अपने गुरु के वचनों की अवहेलना कर अपने जीवन को पतन के मार्ग पर धकेल दिया था और ऐसे समय में भी गुरु कृपा द्वारा उस सदमार्ग पर लाने के लिए संतों को ही आना पड़ा और तब उसकी काल से रक्षा हो पाई।
ठीक इसी प्रकार आज का मनुष्य भी तो आजमिल की भांति ही दिशा भ्रमित है। इसलिए पूर्णगुरू के सन्निधय को प्राप्त किये बिना मानव कभी भी श्रेष्ठ मार्ग को कभी प्राप्त नहीं कर सकता है इसीलिए अजामिल प्रसंग हमें शिक्षा देता है कि हम भी पूर्ण गुरू के वचनों पर चलकर अपने जीवन को श्रेष्ठ मार्ग पर अग्रसर करे और मुक्ति प्राप्त करें।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि गणों के द्वारा द्वीप प्रज्वलन करके किया गया जिसमें धर्मेंद्र सिंह चौहान अध्यक्ष क्षेत्रीय सहकारी समिति लिमिटेड, धुमरी समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।