उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में एक नया मामला सामने आया है…जहाँ एक पंच को निष्पक्ष पंचायत करने की बड़ी सजा मिली है क्योंकि एक पंच ने पंचायत में पीड़ित व्यक्ति और आरोपित पक्ष की बात को सुनकर सभी पंचों के सामने एक निष्पक्ष फैसला सुना दिया जिसमे आरोपित मकसूद पुत्र रफीक ने नोशाद पुत्र दीदार से मरे हुए बकरों के जबरन 14 हजार रुपये वसूलने की बात कही तो सभी पंचों ने एक राय होकर निष्पक्ष फैसला सुनाते हुए नोशाद को 14 हजार रुपये 23 जुलाई की शाम तक लौटाने की बात कही गई थी.
यह बात मकसूद को नागवार गुजरी, और निष्पक्ष पंचायत करने वाले राशिद के द्वारा रुपये देने की बात को लेकर मकसूद पक्ष नाराज होकर सत्ताधारी लोगो की मदद लेकर राशिद खान सहित उसके चारों भाईयों पर जबरन चौथ वसूली और मारपीट करने का थाना मारहरा में झूठा मुक़दम्मा दर्ज करा दिय. जैसे ही मारहरा कस्बाईयों को ये पता चला तो लोगों में आक्रोश पनप गया और सैकड़ो लोग जिला मुख्यालय पर पहुचकर एटा एसएसपी और सीओ के सामने जाकर घटना को झूठा बताते हुए राशिद खान को कस्बे का एक मौजिद्द आदमी बताते हुए निर्दोष बताया और तब मुकदमे में वादी मकसूद की गलती बताते हुए नोशाद से मुंबई में लिये गए जबरन 14 हजार रुपये वापस करने की बात कही थी.
जिससे छुब्द होकर उसने ये झूठा मुक़दम्मा राशिद पर लिखाया गया है वही कस्बा मारहरा में राशिद एक संभ्रांत बियक्ति और पूर्व में नगर पालिका का चुनाव भी लड़ चुके है जो कि बहुत थोड़े मतों के अंतराल से वो चुनाव हार गए थे अभी ये लोग संयन्त्र के तहत उनकी छवि को धूमिल करना चाहते है और इनके सभी चारो भाई होनहार होने वाले है जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है उनका भी नाम एफआईआर में झूठा दर्ज करा दिया गया है जो कि नितांत गलत है.
रिपोर्ट- आर.बी.द्विवेदी एटा।