उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में कोरोना के 15 संदिग्ध मरीज मिले

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पूरे प्रदेश के अंदर 75 जनपदों में हर जनपद में 10-10बेड के आइसोलेशन वार्ड पहले से तैयार किए गए हैं

Update: 2020-03-14 08:00 GMT

उत्तर प्रदेश से अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां गोंडा जिले में कोरोना के पंद्रह संदिग्ध मरीज पकड़े गए है. जबकि गाजियाबाद में दो और हरदोई जिले में भी एक मरीज मिलने की खबर सामने आई है. 

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में कोरोना के 15 संदिग्ध मरीज मिले, जिला अस्पताल में भर्ती इन मरीजों के कारण सभी डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां कैंसल कर दी गई. मिले मरीजों का सेम्पल लेकर जांच के लिए भेजा गया है. जाँच के बाद स्तिथि साफ़ होगी. फिलहाल अस्पताल ले आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इनका इलाज शुरू कर दिया गया है. 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पूरे प्रदेश के अंदर 75 जनपदों में हर जनपद में 10-10बेड के आइसोलेशन वार्ड पहले से तैयार किए गए हैं. 24 सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज में भी आइसोलेशन वार्ड बना करके हम लोग प्रदेश में 1268 बेड के आइसोलेशन वार्ड स्थापित कर चुके हैं.


कोरोना अब वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है. दुनिया भर के करीब 120 देशों में यह वायरस पाया गया है. इसके कारण विश्वभर में जनजीवन और इकॉनमी अस्त-व्यस्त हो गई है। इस वायरस से विश्व भर में अब तक 5,043 लोगों की मौत हो चुकी है और 1 लाख 33,970 लोग संक्रमित हैं। यह ऑफिशियल आँकड़े है.

ईरान के हाल तो इतने बुरे है कि कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से अब देश के सुरक्षा बलों को आदेश दिया गया है कि वे अगले 24 घंटे के भीतर देशभर की सड़कें खाली करा दें. इस फैसले को देशभर में 24 घंटे के भीतर लागू करना है.

अमरीका में अब तक कोरोना से 26 लोगों की मौत हो चुकी है और साढ़े छह सौ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. अमेरिका में भी पैनिक का माहौल है.

चीन में शुक्रवार को कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 3,176 ओर संक्रमित लोगों की संख्या 80,813 पहुंच गई है. चीन के अलावा इटली (1,016 मौत, 15,113 मामले), ईरान (429 मौत, 10,075 मामले), स्पेन (84 मौत, 3,004 मामले) और दक्षिण कोरिया (67 मौत, 7,979 मामले) इससे सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं. जापान में 675 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं.

चीन के बाद सबसे अधिक मौतें इटली में देखी गई है. कोरोना का सबसे बड़ा खतरा इटली पर मंडरा रहा है. सबसे खास बात यह है कि चीन के वुहान में जहाँ कोरोना वायरस सबसे पहले फैला था वहाँ कोरोना से मरने वालों का दर 5.8 फीसदी था. जबकि इटली में यह बढ़कर 6.21 फीसदी हो गया है. यानी कुल संक्रमित लोगों में से 6.21 फीसदी लोगों की मौत हुई है. इसकी सबसे बड़ी वजह इटली की बुजुर्ग आबादी भी है. इस देश में यूरोप के बाकी देशों की तुलना में बुजुर्ग ज्यादा हैं. यहां की आबादी का 23 फीसदी हिस्सा बुजुर्ग है. इटली में कोरोना से मरने वालों में ज्यादा लोग 80 से 90 साल के बीच हैं. बुजुर्ग लोगों के लिए यह वायरस बेहद खतरनाक साबित हो रहा है क्योंकि इनके शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है.

यह महत्वपूर्ण है कि सभी पीड़ितों की मौत नहीं होती है जिनका इम्यून सिस्टम अच्छा है उनके बचने के चांसेस ज्यादा है 60 साल से अधिक आयुवर्ग के लोग, बीपी, शुगर, टीबी, अस्थमा, कैंसर आदि से पीड़ित लोगों जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उनके लिए यह वायरस जानलेवा साबित होता है.

कल एक नया तथ्य भी सामने आया है चीन, जहाँ इसका प्रकोप सबसे ज्यादा है वहाँ के डॉक्टरों ने बताया है कि हाई बीपी (High Blood Pressure) यानी उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को कोरोनावायरस से मरने का अधिक खतरा है, अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों की इससे मरने की संभावना ज्यादा क्यों है.

कल एक मित्र ने लिखा कि भारत ने कोरोना को रोकने की बहुत अच्छी तैयारियां की है. दरअसल सबसे अच्छी तरह से जो देश इस बीमारी से निपट रहा है वह देश है ताइवान!

चीन के पड़ोस में बसे ताइवान ने कोरोना वायरस से जिस तरह से मुकाबला किया उससे पूरी दुनिया उससे सबक सीख सकती है.ऑस्ट्रेलिया के बराबर आबादी वाले इस द्वीप में सिर्फ 45 केस ही सामने आए हैं और कोरोना वायरस से यहां एक मौत की पुष्टि हुई है.

ताइवान खतरनाक वायरस SARS से पहले भी बुरी तरह प्रभावित हो चुका था इसलिए इस बार कोरोना वायरस की एंट्री पर ताइवान पूरी तैयारी के साथ सामने आया. ताइवान इन परिस्थितियों से निपटने के लिए एक सेंट्रल कमांड सेंटर बना दिया था. कोरोना वायरस से निपटने में एशिया के बाकी देशों के मुकाबले ताइवान ने इस तरह से बढ़त हासिल कर ली. कमांड सेंट्रल की वजह से मेडिकल अधिकारियों को डेटा इकठ्ठा करने, संसाधनों के वितरण, संभावित केसों और उनसे संपर्क की सूची बनाना आसान हो गया. वायरस संक्रमित मरीजों को तुरंत आइसोलेट किया गया. सार्स के अनुभव से सीखते हुए ताइवान ने वुहान से आने वाले हर यात्री की स्वास्थ्य जांच शुरू कर दी थी. उस वक्त ये भी साफ नहीं हुआ था कि यह वायरस इंसानों से इंसानों में फैलता है या नहीं फरवरी के पहले सप्ताह से ही ताइवान ने सर्जिकल मास्क वितरित करना शुरू कर दिया.

तमाम सार्वजनिक इमारतों में हैंड सैनिटाइजर और फीवर चेक अनिवार्य कर दिया गया. यही नहीं, ताइवान सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल व अन्य एजेंसियों ने कोरोना के नए मामलों और उनके द्वारा यात्रा की गईं जगहों की जानकारी को लेकर नियमित तौर पर लोगों को एसएमएस अलर्ट भेजे.स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर पॉलिसी ऐंड प्रिवेंशन के डायरेक्टर जैसन वांग ने कहा, ताइवान की सरकार अपनी कार्रवाई में सुपर अलर्ट थी. जब यह साफ हो गया कि कोरोना एक बड़ी समस्या बनने जा रहा है तो वे और भी कदम उठाने लगे. वे पूरी तरह से तैयार थे.

दरअसल ऐसी ही नीति अपना कर भारत सरकार और भी बेहतर तरीके से कोरोना से निपट सकती हैं वैसे इस विषय पर सरकार की आलोचना करना अभी ठीक नही होगा अभी सबको मिलजुलकर इस समस्या का सामना करना चाहिए. 

 


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