अखिलेश यादव को धोखा देने वाले इस सांसद ने दे दिया सीएम योगी को धोखा, नहीं पहुंचा मंच पर
कहावत है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर जाता है, लेकिन कई बार राजनीतिक पार्टियों का गणित फेल हो जाता है। इसी कड़ी में शनिवार (30 मार्च) को लखनऊ के प्रदेश बीजेपी दफ्तर पर निषाद पार्टी के एनडीए में शामिल होने की चर्चा थी।
लेकिन, ऐन वक्त पर निषाद पार्टी ने अखिलेश यादव की तरह बीजेपी को भी छका दिया। बता दें कि निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद उस वक्त खबरों में आए थे, जब उन्होंने गोरखपुर का उपचुनाव जीता था, लेकिन छोटी पार्टी के ये नेता बड़े-बड़ों को छका रहे हैं। जिस गोरखपुर से निषाद पार्टी से मिलकर सपा-बसपा महागठबंधन की नींव पड़ी थी, उसी महागठबंधन को गोरखपुर से ही निषाद पार्टी ने झटका दे दिया। निषाद पार्टी ने खुद को महागठबंधन से अलग करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद निषाद वोटों को लेकर सियासत शुरू हो गई है।
गोरखपुर के उपचुनाव के दौरान जब प्रवीण निषाद को सपा-बसपा ने समर्थन दिया था तो ये उम्मीद नहीं थी कि निषाद पार्टी का सांसद होगा। यही उपचुनाव बसपा और सपा के कठजोड़ का आधार भी बना। जिस लोकसभा सीट पर केवल गोरक्षपीठ की चलती हो वहां से प्रवीण निषाद का सांसद बनने पर सबको आश्चर्य हुआ. गठबंधन मजबूत दिखा। दो साल बीतते ही निषाद पार्टी करवट बदलने लगी। इससे पहले शुक्रवार (29 मार्च) को निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने लखनऊ में गठबंधन से नाता तोड़ने की औपचारिक घोषणा की थी। यह पहला मौका दिख रहा था, जिस ज्वाइनिंग में सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा भी पार्टी पदाधिकारियों के साथ मौजूद थे।
पूरी मीडिया इंतजार करती रही, लेकिन बड़ों-बड़ों को छकाने वाले संजय निषाद केवल अखिलेश को ही गच्चा नहीं दिए बल्कि बीजेपी दफ्तर ही नहीं पहुंचे। चर्चाओं का बाजार एक बार फिर गर्म हैं कि क्या संजय निषाद बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के हाथों सम्मानित होना चाहते हैं या फिर दूसरे दरवाजे का रुख करेंगे।