अयोध्या की भव्य दीवाली, इतिहास रचने को आतुर

3 नवंबर को सरयू नदी के तट पर छोटी दिवाली के दिन दीपोत्सव का कार्यक्रम रखा गया है

Update: 2021-11-01 07:55 GMT

अयोध्या: अयोध्या में रामलला विराजमान के बाद इस बार ऐतिहासिक दीवाली मनायी जाएगी। यह पहला मौका है, जब भारत ऐतिहासिक दीवाली को मनाने के लिए लालायित दिख रहा है। अयोध्या सरयू नदी सहित श्रीराम मंदिर पर लगभग तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।एक बार फिर यहां ऐतिहासिक दीपोत्सव मानने की तैयारी की जा रही है , जो कि एक नया विश्व कीर्तिमान रचेगी ।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरु होने के बाद यह पहला दीपोत्सव कार्यक्रम है। इस बार खुशी की बात है कि इतने वर्षों बाद राम भक्त जन्मभूमि पर वर्चुअल तरीके से ही सही खुशियों के दीप जला सकेंगे। 14 नवंबर को दीपोत्सव कार्यक्रम मनाया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में इस वर्ष 12 लाख दीप प्रज्‍जवलित करने की तैयारी है। साथ ही इस दिन कई सांस्‍कृतिक व साहित्‍य‍िक कार्यक्रम भी आयोजित कराने की सरकार की मंशा है। तो वहीं 3 नवंबर को सरयू नदी के तट पर छोटी दिवाली के दिन दीपोत्सव का कार्यक्रम रखा गया है।

बताया जा रहा है कि, इस दीवाली पर आयोध्या में  20 गेटों का निर्माण किया जा रहा है , जिनके जरिए राम कथा के विभिन्न प्रसंगों का सीरियल पेश किया जाएगा। अयोध्या आने वाले भक्त राम कथा को एक क्रम से देख कर संपूर्ण कथा की जानकारी ले सकेंगे। 

जैसा कि अवगत हैं कि कुछ दिन पहले श्रीलंका के 2 मंत्री, रामनगरी अयोध्या में आए थे, रामलीला के मंचन के लिए श्रीलंका के सांस्कृतिक दल को आमंत्रित किया गया है।

दीपक जलाने के लिए 12000 वालंटियर्स को तैनात किया गया है जिसमें प्रति छात्र 65 दीपक जलाने का टारगेट दिया गया है। इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल दीपक प्रज्वलित कर दीपोत्सव की शुरुआत करेंगे।


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