कुप्रबंधन के चलते बारिश के भरे पानी से गिरें गरीबों के घर तो किसकी होगी जवाब?

यदि कुप्रबंधन के चलते गरीबों के घर गिरे और कोई अनहोनी हुई तो इसका जवाब देंह कौन होगा नाले में कब्जा किए जाने और साफ-सफाई की चौपट ब्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर गांव के समून अहमद पुत्र वसी अहमद ने मुख्य विकास अधिकारी को फोन कर सफाई कर्मियों से नाला साफ कराए जाने की मांग की

Update: 2021-06-18 14:02 GMT

कौशांबी स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छता मिशन के तहत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों नेताओं माननीयों से खुद साफ सफाई करने का निर्देश दिया था इसी कड़ी में झाड़ू पकड़कर माननीयो अधिकारियों ने खूब फोटो छपवाई लेकिन साफ सफाई का अभियान महज छलावा साबित हुआ जिले के मूरतगंज विकासखंड अंतर्गत मलाक मोहिउद्दीन में साफ सफाई अभियान को उड़ती धज्जियो को देखा जा सकता है.

मलाक मोइनुद्दीन गांव में नाले पर दर्जनों दबंगों ने कब्जा कर लिया है जिससे नाले के पानी का बहाव रुक गया है इस नाले की कभी भी सफाई कर्मियों ने सफाई नहीं की है सफाई की मांग को लेकर बीते 10 महीने से ग्रामीणों ने बार-बार ग्राम पंचायत से लेकर विकास खंड कार्यालय तक हल्ला मचाया लेकिन ग्रामीणों की आवाज दब कर रह गई बारिश शुरू होते ही नाले का पानी लोगों के घरों में घुस रहा है जिससे बारिश के दिनों में गरीबों के घर गिरने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता,

यदि कुप्रबंधन के चलते गरीबों के घर गिरे और कोई अनहोनी हुई तो इसका जवाब देंह कौन होगा नाले में कब्जा किए जाने और साफ-सफाई की चौपट ब्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर गांव के समून अहमद पुत्र वसी अहमद ने मुख्य विकास अधिकारी को फोन कर सफाई कर्मियों से नाला साफ कराए जाने की मांग की जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने अधीनस्थों को नाला सफाई का निर्देश देने के बजाय उसी से सवाल करने लगे कि सीडीओ तुम्हारा नाला साफ करेगा,

अब सवाल उठता है कि जिले में साफ सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए सफाई कर्मियों को वेतन बांटा जाता है और जब गांव के नालों की सफाई नहीं होगी तो करोड़ों रुपए बेतन बाटने का औचित्य क्या रह जाता है साफ सफाई के कुप्रबंधन के चलते मलाक मोइद्दीन गांव की स्थिति बेहद खराब है और लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं आला अधिकारियों ने भी साफ सफाई की व्यवस्था की ओर से मुंह मोड़ लिया है आम जनता के सामने समस्याएं खड़ी हो गई हैं,

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