चिकित्सकों की लापरवाही से प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत

सरकारी अस्पतालों में प्रसव के दौरान मौत के बढ़ते मामले चिंता का विषय

Update: 2022-11-17 09:58 GMT

कौशाम्बी। सरकार सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव का दावा सरकार रही है लेकिन सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक और नर्स की लापरवाही के चलते आए दिन प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत सरकारी अस्पताल में हो रही है लेकिन उसके बाद भी लापरवाही करने वाली नर्स और चिकित्सकों पर ठोस कार्यवाही नहीं हो रही है जिससे मौत के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं। 

बुधवार को फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चायल में चिकित्सकों की घोर लापरवाही के चलते प्रसव के दौरान महिला और उसके बच्चे की मौत हो गई है महिला और बच्चे की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया है परिजनों ने मामले की सूचना स्थानीय थाना पुलिस को दी है खबर लिखे जाने तक दोषी नर्स और चिकित्सकों पर कार्यवाही नहीं हो सकी है। 

जानकारी के मुताबिक चायल तहसील क्षेत्र के कसेन्दा गांव निवासी राकेश कुमार पुत्र अशर्फीलाल ने प्रसव पीड़ा होने पर अपनी पत्नी मीना देवी उम्र 28 वर्ष को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चायल में प्रसव के लिए भर्ती कराया था जहां पर चिकित्सक मौजूद नहीं थे और महिला नर्स ने सिस्टम के विपरीत दबाव बनाकर प्रसव कराने का प्रयास किया उसके पीड़ित महिला के पेट में दबाव बनाकर पंपिंग की गई जिससे बच्चे की मौत हो गई और कुछ देर बाद महिला की भी मौत हो गई। 

मौत की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया और घटनास्थल पर सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई नर्स की लापरवाही और चिकित्सकों के अनुपस्थिति के मामले की जानकारी मिलने के बाद भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दोषियों पर कार्रवाई नहीं की है महिला की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने स्थानीय पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। 

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