नगर पालिका के कर्मचारी ने कहा बीस हज़ार रुपये दो तब मिलेगा आवास
वर्षो से परिक्रमा करते करते थक कर हार गया नही मिला पी एम आवास, चिराग तले अंधेरा योगी सरकार के अधिकारियों पर लग रहा धना दोहन का आरोप अपात्रों को मिल रहा आवास पात्रों को खाली आश्वासन
कौशाम्बी नगर पालिका परिषद भरवारी अंतर्गत चमन्धा का मजरा बेल्हा गावँ का निवासी चौबे लाल पुत्र माई दीन पेशे से मोची का कार्य किया करता है उसी से अपने व अपने परिवार का पालन पोषण करता है उसके घर की माली हालत इतनी दयनीय है कि किसी तरह मेहनत मजबूरी कर परिवार का जीविकोपार्जन करता है यहा यह बताना जरूरी है कि उक्त व्यक्ति ने सन 2014 में जब पी एम आवास योजना आयी थी तभी से इस ब्यक्ति ने आधार निवास व खाता पासबुक सहित सभी कागजात नगर पालिका में जमा किया परंतु आज तक इस गरीब को झूठा अस्वासन ही दिया गया।
काफी दिनों के बाद नगर पालिका भरवारी का एक कर्मचारी मिला उसने कहा कि तुम बीस हज़ार रुपये दो तब तुम्हे आवास मिलेगा अब तक आवास के नाम से यह गरीब थक हार चुका था अब सवाल उठता है जिसके पास खाने को दाना नही है यदि मोची का काम रोज न करे तो परिवार के लोग भूखे मर जाये तो ऐसे में वह बीस हज़ार रुपये कहा से दे पायेगा I
ऐसे में यह बहुत बड़ा प्रश्न है कि जो पात्र ब्यक्ति है उसको आवास नही मिलेगा तो किसको मिलेगा यह तो योगी सरकार की ब्यवस्था पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है विभाग का कर्मचारी बीस हज़ार रुपये मांग रहा हो और अधिकारी चुप है यह जांच का विषय है जब जमीनी ब्यक्ति को वास्तव में पात्र ब्यक्ति को पी एम आवास नही तो यह योजना क्या अपात्रों के लिए है इसकी जांचकर कार्यवाही होनी चाहिए क्योंकि ऐसे कितने पात्र ब्यक्ति विभाग के धक्के खाते खाते थक कर अपने घर पर बैठ जाते है I ऐसे ब्यक्ति को तत्काल पी एम आवास मिलना चाहिए।